जोधपुर. खेल को बढ़ावा देने के लिए अब शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी खेल मैदानों को तैयार करने का कार्य जोर-शोरों से शुरू कर दिया गया है. खेल और खेल की भावनाओं को देखते हुए अब केन्द्र के साथ ही राज्य की सरकारें भी पीछे नहीं है. यहां ग्राम पंचायत स्तर पर 55 करोड़ की लागत से 290 खेल मैदानों को तैयार करवाया जा रहा है. मार्च 2023 तक इसका कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी शहरी क्षेत्र के साथ खेलों और खेल प्रेमियों की भावनाओं को बढ़ावा मिलेगा.
इसी के तहत राजस्थान के खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर भी खेल मैदान विकसित किए जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है. इसके तहत हर गांव में खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं, जिसके तहत 55 करोड़ रुपए की लागत से 290 खेल मैदान वर्तमान में प्रगतिरत हैं. इन सभी खेल मैदानों में अलग-अलग प्रकार की गतिविधियां हो सके, उसको उसी अनुरूप तैयार किए जा रहे हैं.
अलग -अलग खेलों के लिए खेल मैदान, स्टेडियम, दर्शक दीर्घा आदि केवल शहरी बच्चों के लिए ही संभव माना जाता था, लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़े बच्चों के लिए भी यह सपना साकार हो पाया है. मनरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत किये गये खेल मैदानों में गांव की मांग के अनुसार फुटबॉल, बास्केटबॉल, लॉन टेनिस, एथलेटिक्स ट्रेक व पवेलियन आदि भी तैयार किये जा रहे हैं.
जोधपुर जिले की बात करें तो 290 खेल मैदान के कार्य विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्वीकृत किये गये हैं, जिला परिषद के सीईओ स्वयं पूरे प्रोजेक्ट पर मॉनिटरिंग बनाए हुए हैं, इन खेल मैदान को विकसित करने के कार्य मे भी तेजी लाई जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि जिस स्पीड से यह कार्य चल रहे हैं, उसके तहत अगले वर्ष मार्च 2023 तक इनका कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. खेल मैदान विकसित होने के बाद न केवल बच्चों को एक अच्छा खेल मैदान खेलने के लिए मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से खेल की प्रतिभाएं निकलकर सामने आएंगी.
ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए इस ऐतिहासिक कार्य पर जिला परिषद जोधपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सुराना का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रो में तैयार हो रहे यह ऐतिहासिक खेल मैदान मनरेगा के तहत राज्य वित्त आयोग और 15वें वित्त आयोग के जो फंड्स ग्राम पंचायत लेवल पर आते है उनके साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है. इन सभी मैदानों में अलग-अलग प्रकार की गतिविधियां करवा रहे हैं. 150 जगहों पर रेसिंग ट्रैक भी बनाए जा रहे हैं, ताकि बच्चों को एथलेटिक्स की तैयारी कर सकें.