नई दिल्ली. भारत में कोविड-19 मामलों से निपटने के लिए आज अस्पतालों में मॉक ड्रिल होगी. मॉक ड्रिल के तहत सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री अपने स्तर पर हिस्सा लेंगे. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि इस तरह की कवायद हमारी परिचालन तत्परता में मदद करेगी. यदि कोई कमी है तो इससे उसे दूर करने में भी मदद मिलेगी. मॉक ड्रिल में आईसीयू, वेंटिलेटर, कोविड वार्ड, आक्सीजन प्लांट और उपचार करने के तरीकों की जांच की जाएगी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार देशभर में आयोजित इस मॉक ड्रिल में मरीजों के आने और कैसे वार्ड में भर्ती किया जाएगा इसकी जांच होगी. यहां तक कि नए मरीजों के रजिस्ट्रेशन प्रोसेस की भी जांच इस दौरान की जाएगी. साथ ही अस्पतालों में भर्ती मरीजों के उपचार और देखभाल को भी इस मॉक ड्रिल में शामिल किया गया है. कोविड वार्डों में बेडों तक ऑक्सीजन पहुंचने की सुविधा की भी जांच की जाएगी. वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर ठीक तरह से काम कर रहे हैं कि नहीं इसकी भी जांच इस मॉक ड्रिल में की जाएगी.
मॉक ड्रिल के तहत अस्पताल परिसर में कोविड मरीजों के लिए मूलभूत सुविधा और साफ-सफाई की व्यवस्था का भी जायजा लिया जाएगा. मॉक ड्रिल में मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ की क्या तैनाती है और आने वाले समय में और कितनों को तैनात करने की आवश्यकता है उसका भी जायजा लिया जाएगा. मॉक ड्रिल के दौरान कोरोना से निपटने के लिए तमाम तैयारियों का खासा ध्यान रखा जाने वाला है.
साथ ही मरीजों के लिए एंबुलेंस की सुविधा का भी इस मॉक ड्रिल में जायजा लिया जाएगा. एंबुलेंस में कितना स्टाफ है. क्या सुविधाएं हैं, ऑक्सीजन की क्या व्यवस्था है. इन सब बातों का ध्यान मॉक ड्रिल में रखा जाएगा. एंबुलेंस से लेकर अस्पताल तक में पीपीई किट की क्या व्यवस्था है इसका भी जायजा लिया जाएगा. मॉक ड्रिल के बाद अस्पताल के अधिकरियों को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी कोविड-19 इंडिया पोर्टल पर डालनी होगी.