दिल्ली. राजस्थान समेत 5 राज्यों में आज कोल्ड डे.31 दिसंबर से यहां माइनस में पारा जा सकता है. MP में अगले दो दिन ठंड सबसे ज्यादा

दिल्ली. राजस्थान समेत 5 राज्यों में आज कोल्ड डे.31 दिसंबर से यहां माइनस में पारा जा सकता है. MP में अगले दो दिन ठंड सबसे ज्यादा

देश के ज्यादातर हिस्सों में ठंड तेज हो गई है। पश्चिमी राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए आज यानी मंगलवार को कोल्ड-डे होगा। मौसम विभाग के मुताबिक, इन राज्यों के कई हिस्सों में 31 दिसंबर से 4 जनवरी तक सीजन के सबसे सर्द दिन हो सकते हैं। यहां पारा माइनस में पहुंच सकता है।

वहीं, दिल्ली, राजस्थान और पश्चिमी UP में रात का तापमान 1 से 4 डिग्री के बीच रहेगा। उधर, मध्य प्रदेश में 27 और 28 दिसंबर को बहुत ज्यादा ठंड होगी, लेकिन उसके बाद मौसम सामान्य होने की संभावना है।

दिसंबर के 26 दिनों में 11 डिग्री तक पहुंचा पारा, जाने 3 बड़ी वजहें ...

दिसंबर के 26 दिनों में 16 बड़े शहरों का औसत न्यूनतम पारा 11 डिग्री और अधिकतम पारा 25 डिग्री दर्ज किया गया। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत का कहना है कि इसके पीछे 3 बड़ी वजह हैं।

पहली वजह: पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ना है। वैसे दिसंबर मध्य तक पश्चिमी विक्षोभ मजबूत हो जाता है, पर इस बार आर्कटिक ऑसिलेशन हवाओं का ऐसा प्रेशर, जिसने पश्चिमी विक्षोभ की दिशा प्रभावित करके उसे कमजोर कर दिया 

के कारण कमजोर पड़ गया।

दूसरी वजह. एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन है। पूरे देश में जो मानसून 15 अक्टूबर तक चला जाता था, इस बार 23 अक्टूबर को गया। फिर पश्चिमी हिस्सों में एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनना शुरू हो गया। इसमें गर्म हवाएं नीचे आती हैं, जिनमें नमी नहीं होती। इससे गर्मी बढ़ती है और इसे जाने में भी महीनों लगते हैं।

तीसरी वजह.ला-नीना का असर है। इससे औसत से भी कम बारिश हुई और औसत से ज्यादा तापमान रहा। 15 दिसंबर तक पंजाब, हरियाणा, UP, राजस्थान और दिल्ली में सूखा और गर्म मौसम बना रहा। सर्दियां खिसकने से सबसे ज्यादा असर रबी की फसलों पर पड़ता 

राजधानी दिल्ली में मंगलवार को शीतलहर के साथ घना कोहरा छाया हुआ है। यहां पालम में न्यूनतम तापमान 7.0 डिग्री पहुंच गया, जबकि सफदरजंग में पारा 7.8 डिग्री है। मौसम विभाग ने कहा कि अगले 2 दिन शीतलहर और ठंड जमकर रहेगी।

मध्य प्रदेश में पहाड़ों से आई बर्फीली हवा और उत्तरी इलाके से आई सर्द हवा के कारण शहर में ठंड और बढ़ गई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यह ठंड सिर्फ दो दिन की है। फिर 30, 31 दिसंबर को तापमान थोड़ा बढ़ सकता है। एक जनवरी से फिर तेज ठंड का दौर आने की संभावना है।

नए साल में पहले या दूसरे दिन कोहरा भी छाने के आसार भी हैं। इधर सोमवार को शहर में रात के तापमान में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। यह 11.5 डिग्री दर्ज किया गया। बीते 24 घंटे में इसमें सिर्फ 0.1 डिग्री की कमी आई। मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि रात 11:30 बजे से सुबह 5 बजे तक पारा 11.5 डिग्री पर बना रहा। बादल छाने के कारण इसमें बदलाव नहीं हुआ। दिन का तापमान 23.8 डिग्री रहा।

राजस्थान के चूरू में मंगलवार को तापमान 0.5 डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं कल यहां पारा 0.5 डिग्री दर्ज किया गया था। नए साल का वेलकम भी कड़ाके की सर्दी से होगा। 2-3 दिन से उत्तरी हवाएं चलने से राजस्थान में के कुछ हिस्से शीत लहर की चपेट में आए हो और कोल्ड-डे कंडिशन बनने के साथ पारा माइनस में चला गया है। सर्दी के ये तेवर अगले 24 घंटे तक रहेंगे।

29 दिसंबर से राज्य में फिर से तापमान बढ़ने लगेगा। इसके बाद 4 जनवरी से कड़ाके की सर्दी पड़ेगी।

उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मंगलवार को घना कोहरा छाया हुआ है, तो वहीं विजिबिलिटी भी कम दर्ज की गई है। मुरादाबाद में घने कोहरे और ठंड के चलते तापमान 6 डिग्री पहुंच गया है। बरेली में भी सुबह धुंध छाई रही। यहां पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक रहेगा। कोहरे और ठंड से ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो गई है। सोमवार को नौचंदी, सरयू यमुना, सद्भावना और सुपर एक्सप्रेस सहित 19 ट्रेन सहारनपुर में देरी से पहुंची।

अगले 10 दिन बर्फ नहीं पड़ी तो सेब की फसल खराब होगी

उत्तराखंड, हिमाचल और कश्मीर के सेब की मिठास इस बार फीकी पड़ सकती है, क्योंकि सेब के पेड़ों को जो न्यूनतम चिलिंग ऑवर चाहिए, वो बारिश-हिमपात न होने से मिले ही नहीं। किसानों के अनुसार, यदि अगले 10 दिनों में हिमपात नहीं होता है तो सेब की काफी फसल बर्बाद हो सकती है।

मौसम विज्ञान केंद्र उत्तराखंड के निदेशक बिक्रम सिंह बताते हैं कि इस बार पोस्ट मानसून बेहद कमजोर रहा। सामान्य से 100% कम बारिश हुई। वहीं, दिसंबर तक सेब बेल्ट में हिमपात हो जाता था, पर इस बार नहीं हुआ। अभी इस माह तीन हजार मीटर से ऊपर ही हिमपात की संभावना दिख रही है।

एक्सपर्ट बोले- 1200 घंटे 7 डिग्री से नीचे तापमान जरूरी

उत्तराखंड उद्यान विभाग के पूर्व निदेशक एके श्रीवास्तव बताते हैं कि दिसंबर में सेब को 1200 घंटे तक 7 डिग्री से नीचे तापमान मिलना जरूरी है। इसे सेब का चिलिंग ऑवर कहते हैं। ये नहीं मिला तो सेब का रंग, मिठास और गुणवत्ता खराब होगी।

अगले 15 दिन किसानों के लिए महत्वपूर्ण

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ICAR कश्मीर के पूर्व निदेशक नजीर अहमद बताते हैं कि अगले 15 दिन किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड में सेब के काश्तकार संदीप पंवार बताते हैं- हिमपात नहीं मिलने से सेब मुरझाने लग गए हैं।

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