दुनियाभर में तेजी से कोरोना के हो रहे प्रसार को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से भारत आने वाले यात्रियों में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए उनकी आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य की जाएगी। मांडविया ने कहा कि इन देशों के किसी भी यात्री में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण पाए जाने या जांच में उनमें संक्रमण की पुष्टि होने पर उन्हें पृथक रखा जाएगा।
मांडविया ने पत्रकारों से कहा, चीन, जापान, सिंगापुर और बैंकॉक (थाईलैंड) के यात्रियों पर एयर सुविधा पोर्टल के जरिये नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, महामारी की स्थिति को देखते हुए चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और बैंकॉक से आने वाले यात्रियों को अपनी आरटी-पीसीआर रिपोर्ट पहले से अपलोड करनी होगी। भारत आने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाएगी। मंत्री ने कहा, हमने इन देशों के यात्रियों के संक्रमित पाए जाने या उन्हें बुखार होने की सूरत में देश में उन्हें पृथक-वास में रखने का आदेश जारी किया है।
हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन और अन्य देशों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए इसी सप्ताह लापरवाही के प्रति आगाह करते हुए कड़ी निगरानी का आह्वान किया था। उन्होंने निर्देश दिया था कि फिलहाल जारी निगरानी उपायों को, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर लागू उपायों को मजबूत किया जाए। इस बीच, त्योहारी मौसम से पहले केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भीड़भाड़ से बचने के उपाय करने और भीड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने तथा बंद जगहों पर इकट्ठा होने के लिए पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करने को कहा है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मामलों में वृद्धि का शुरुआती दौर में पता लगाने के लिए नियमित आधार पर सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में जिलेवार इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग पर जोर दिया। राजेश भूषण ने कहा कि इन मामलों का कोविड-19 के लिए भी परीक्षण किया जा सकता है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि समुदाय में कोविड-19 के संक्रमित नमूनों के बीच पूरे जीनोम अनुक्रमण को बढ़ाने और इसके लिये बढ़ी संख्या में नमूने भेजने के लिये कहा गया है ताकि देश में नए स्वरूप, यदि कोई हो, का समय पर पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा, आगामी त्योहारों के मौसम और नए साल के जश्न को ध्यान में रखते हुए, टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और कोविड अनुकूल आचरण- मास्क का उपयोग, हाथ और श्वसन स्वच्छता और शारीरिक दूरी रखने- के अनुपालन पर ध्यान केंद्रित करके बीमारी के संचरण में वृद्धि के जोखिम को कम करने के लिए अपेक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और अन्य व्यवस्थाओं को लागू करने की आवश्यकता है।
राजेश भूषण ने राज्यों से कहा कि वे सभी जिलों में पर्याप्त परीक्षण सुनिश्चित करें, आरटी-पीसीआर और एंटीजन परीक्षणों की अनुशंसित हिस्सेदारी को बनाए रखें, और बिस्तर की उपलब्धता, साजोसामान संबंधी आवश्यकताओं के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों के पुन: अभिविन्यास की आवश्यकता के संदर्भ में मौजूदा अस्पताल क्षमताओं का जायजा लें जिससे मामलों में किसी भी वृद्धि की स्थिति में कोविड-19 के नैदानिक प्रबंधन में वे तैयार रहें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में छद्म अभ्यास करके इनका परीक्षण किया जाएगा। राजेश भूषण ने केंद्रीय मंत्रालय द्वारा साझा किए गए कोविड-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति के विस्तृत परिचालन दिशानिर्देशों के प्रभावी अनुपालन पर भी जोर दिया है।