भारत के अंडमान आईलैंड के पास एक टूटी हुई बोट में लगभग 150 रोहिंग्या फंसे हुए हैं। यूनाइटेड नेशंस के मुताबिक, इनमें से करीब 20 लोग भूख-प्यास और पानी में डूबने की वजह से दम भी तोड़ चुके हैं। ये बोट बांग्लादेश से करीब हजार मील दूर इंडोनेशिया या मलेशिया जाने के लिए निकली थी, लेकिन 4 दिसंबर को बोट का इंजन फेल हो गया जिसके बाद से बोट समुद्र में फंसी हुई है।
यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी ने भारत, इंडोनेशिया, थाईलैंड और मलेशिया से रेस्क्यू मिशन भेजकर इन लोगों को बचाने की मांग की है, लेकिन अभी तक फंसे हुए लोगों को कोई मदद नहीं मिली है
पिछले हफ्ते श्रीलंका की नेवी ने रोहिंग्याओं की मदद की थी
एशिया पेसिफिक रिफ्यूजी राइट्स नेटवर्क के रोहिंग्या वर्किंग ग्रुप ने कहा- 150 लोगों का यह समूह दो हफ्तों से बिना खाने-पीने के समुद्र में भटक रहा है। इस ग्रुप के अध्यक्ष लिलिएन फैन ने कहा- हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारतीय नेवी या कोस्ट गार्ड जल्दी ही उन्हें रेस्क्यू कर लेगें। पिछले हफ्ते ही श्रीलंका की नेवी ने एक नाव का रेस्क्यू किया था जिसमें सैकड़ों रोहिंग्या सवार थे।
शरणार्थी बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैंप छोड़ रहे हैं
लाखों की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश के कॉक्स बाजार शहर में बने रिफ्यूजी कैंपों में रहते हैं, लेकिन वहां उन्हें उच्च शिक्षा और रोजगार के लिए नौकरी करने की अनुमति नहीं है। इनके आने-जाने पर भी सख्त नियंत्रण होता है। इसलिए कई रोहिंग्या समुद्र के रास्ते अवैध तरीके से दक्षिण पूर्व एशिया में जाने की कोशिश करते हैं। पिछले महीनों में ऐसे रोहिंग्याओं की संख्या बढ़ी है।
कोई भी देश रोहिंग्याओं को नहीं रखना चाहता
शरणार्थियों के लिए काम करने वाले आजादी प्रोजेक्ट की फाउंडर प्रियाली सूर कहती हैं- सच्चाई यह है कि कोई भी देश इन्हें अपने यहां नहीं रखना चाहता। ऐसा हम पहले भी होता देख चुके हैं। वहीं रोहिंग्याओं का सहयोग करने वाले अरकान प्रोजेक्ट के डायरेक्टर क्रिस लीवा कहते हैं- यह बेहद भयानक और बुरा है। भूख-प्यास की वजह से लोग जान गंवा रहे हैं।