झांसी में 15 फीट का अजगर निकल आया। वन विभाग की 6 सदस्यीय टीम ने 3 घंटे के रेस्क्यू के बाद उसे पकड़ा। इसके बाद उसे जंगल में छोड़ दिया गया। अजगर काफी ताकतवर था। वह बार-बार टीम पर हमला करने की कोशिश कर रहा था।
मामला जिले के मऊरानीपुर इलाके का है। वन विभाग के अधिकारी वीरेंद्र यादव ने बताया कि अजगर को पकड़कर लेहचुरा के जंगल में छोड़ दिया गया है। अजगर की उम्र 2 साल है। उसका वजन 40 किलो है। मामले से जुड़ा वीडियो भी सामने आया है। इसमें लोग अजगर को पकड़कर उसे बोरे में भरते नजर आ रहे हैं। आसपास काफी लोगों की भीड़ भी दिखाई दे रही है।
आगे की कहानी प्रत्यक्षदर्शी की जुबानी
गांव रोनी के वैजनाथ अपनी बकरियों को गांव से 1 किमी दूर चराने गए थे। गांव के पास पहाड़ पर वह बकरियों को लेकर पहुंचे थे। वैजनाथ ने बताया मैं बकरियों से थोड़ी दूरी पर था। बकरियां चट्टानों के बीच चर रहीं थीं। इस बीच अचानक बकरियों के चिल्लाने की आवाज सुनी। मौके पर पहुंचा तो देखा 2 बकरियां कम हो गईं थीं। एक और बकरी को बड़ा अजगर अपने शरीर से जकड़े हुए था। मैंने डंडे से अजगर के मुंह पर मारा तो उसने हमला करने की कोशिश की। कुछ दूरी तक उसने मुझे दौड़ा भी लिया। मैं वहां से भाग गया। इसके बाद शोर मचाया। कुछ ही देर में आसपास के लोग पहुंच गए। उन्होंने बकरी को अजगर के चंगुल से छुड़ाया। हालांकि तब तक बकरी की मौत हो चुकी थी। इसके बाद अजगर चट्टानों के बीच में घुस गया।
गांव में पहुंची वन विभाग की टीम
ग्रामीणों ने कोतवाली पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने वन विभाग को इसके बारे में बताया। इसके बाद वन विभाग की टीम गांव में पहुंची। टीम में कुल 6 सदस्य शामिल थे। वन अधिकारी ने बताया पहले हमें लगा कि हम अजगर को आसानी से काबू कर लेंगे, लेकिन वह काफी ताकतवर था। चट्टान से जितना हम उसे बाहर खींचते, उतना ही वह अंदर घुस जा रहा था। बाहर निकलते ही तेजी से हमला करने की कोशिश करता। कई बार तो कर्मियों के हाथ और कमर से लिपटकर जकड़ने की कोशिश भी की। इससे हम लोग भी डर गए। बाद में पुलिसकर्मी और ग्रामीणों का भी सहयोग लिया गया। 3 घंटे की मशक्कत के बाद उसे पकड़कर बोरे में भरा गया। इसके बाद उसे जंगल में ले जाकर छोड़ दिया गया।