यूपी में आने वाले दिनों में 16 देश 7.12 लाख करोड़ का निवेश करेंगे। इससे अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरियां जनरेट होंगी। जिससे 7 लाख लोगों को जॉब्स मिलेगी। यह सब संभव हो सका है। टीम-यूपी के 16 देशों के दौरे के बाद। प्रदेश में निवेश के लिए यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका सबसे ज्यादा इंट्रेस्टेड हैं। दोनों देशों से 4 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।
टीम यूपी वापस आई, अब फरवरी 2023 में ग्लोबल समिट
हाल में सीएम योगी का संदेश लेकर उद्यमियों, कंपनियों और संस्थाओं को निवेश का न्योता देने के लिए विदेश दौरे पर गई टीम यूपी वापस लौट आई है। इसमें 16 मंत्री शामिल थे। मंत्रियों ने 16 देश के 21 शहरों में आयोजित इन्वेस्टर्स रोड शो में मंत्रियों ने शिरकत की है।
सीएम ने कहा- जो सोचा था, वो हाे रहा है
दौरे के बाद मंत्रियों ने सीएम योगी के साथ अपने अनुभव शेयर किए। निवेश प्रस्ताव की जानकारी दी। सीएम योगी ने मंत्रिमंडल के सदस्यों और शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की। सीएम योगी ने कहा, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश का आमंत्रण देने की हमारी कार्य योजना सफल रही है। 16 देशों में हुए रोड शो से अब तक 7 लाख 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश का रास्ता साफ हो गया है। जो सोचा वो हो रहा है। बता दें कि 10 से 12 फरवरी 2023 को लखनऊ में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होना है।
149 MOU पर किए गए साइन
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस दौरान 149 MOU साइन किए गए हैं। इससे 7,02,415 लोगों के लिए रोजगार मिल सकेंगे। सीएम योगी ने बैठक में कहा कि 15 जनवरी के बाद एक बार फिर कुछ देशों की यात्रा की जाएगी। उन्होंने कहा, विदेश में रोड शो की इस सफलता से यह पक्का हो गया है कि उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 ऐतिहासिक होने जा रही है।
सीएम योगी ने बताया कि निवेश को लेकर हर देश के लिए अलग डेस्क तैयार किया जाएगा, ताकि संबंधित देशों से निवेश में कही कोई परेशानी न हो।
अब आपको बताते हैं कि किन शहरों में निवेश होने हैं
नोएडा, काशी, प्रयागराज, लखनऊ-कानपुर में सबसे ज्यादा निवेश
सरकार की तरफ से बताया गया है कि विदेश में जी2जी और बी2जी बैठकों के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा के अलावा गोरखपुर, काशी, प्रयागराज, अलीगढ़, लखनऊ और कानपुर में निवेश की इच्छा जताई गई है।
फूड प्रोसेसिंग, ड्रोन निर्माण, टेक्सटाइल समेत इन फील्ड में आएगा बूम
हॉस्पिटैलिटी, फूड प्रोसेसिंग, ड्रग्स-फार्मा, मेडिकल डिवाइस, केमिकल, टूरिज्म, लॉजिस्टिक्स-वेयरहाउसिंग, ग्रीन हाइड्रोजन, ईवी बैटरी विनिर्माण, MSME, दुग्ध, शिक्षा, डिफेंस एंड एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर, ड्रोन विनिर्माण, कृषि, टेक्सटाइल, स्टील मैन्युफैक्चरिंग, हर्टिकल्चर, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट, डेटा सेंटर, रिवर बेसिन मैनेजमेंट आदि सेक्टर में निवेश के लिए विभिन्न औद्योगिक समूहों ने अपने निवेश के प्रस्ताव दिए हैं।
आगे पढ़िए UP सरकार के मंत्रियों ने सीएम योगी के सामने विदेश दौरे से लौटने के बाद क्या-कुछ कहा
नीदरलैंड-फ्रांस दौरे से लौटने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि दोनों देशों में निवेशकों के मन में भारत के प्रति बड़ा विश्वास है। भारत में उनकी प्राथमिकता उत्तर प्रदेश है। नीदरलैंड में एक बड़ी आबादी पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों की है। यह लोग डेढ़ शताब्दी पहले गिरमिटिया मजदूर के रूप में सूरीनाम पहुंचे थे और आज नीदरलैंड में हैं।
मैक्सिको, ब्राजील और अर्जेंटीना के दौरे से लौटे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और संजय निषाद ने बताया कि तीनों ही देशों में यूपी को लेकर उत्साह जनक माहौल है। मैक्सिको से फ़ूड प्रोसेसिंग और एग्रो और डेयरी सेक्टर में बड़ी संभावनाएं हैं। ज़ेबू एम्ब्रियो कम्पनी ने मथुरा में कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुकता जताई है। वहीं ब्राजील में रक्षा क्षेत्र की अनेक कंपनियों के साथ अच्छी बातचीत हुई।
US-यूके के तीन शहरों के भ्रमण से लौटे मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि हिंदुजा ग्रुप और रॉल्स रॉयस से बड़े निवेश के लिए चर्चा हुई है। लंदन में हीरानंदानी समूह ने यूपी के साथ अपने अच्छे अनुभव को साझा किए। सैन फ्रांसिस्को से सलोनी हर्ट फाउंडेशन ने SGPGI लखनऊ को ₹415 करोड़ का CSR अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसी तरह, जियो थर्मल पॉवर तकनीक के लिए ₹41000 करोड़ के निवेश का एमओयू हुआ है। सिफी इंटरनेशनल 8300 करोड़ का निवेश करेगी। इसी तरह, हेल्थ एटीएम निर्माण में ₹1000 करोड़ सहित नवीकरणीय ऊर्जा, होटल/हॉस्पिटैलिटी, स्किल डिवेलपमेंट, लॉजिस्टिक्स, IT/ ITES जैसे सेक्टर में कई बड़ी कंपनियों ने निवेश का प्रस्ताव रखा है।
ऑस्ट्रेलिया-सिंगापुर से लौटे समूह की ओर से मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि निवेशक नए भारत के नए यूपी की तस्वीर से सभी प्रभावित दिखे। सुरक्षा-सहूलियत के आश्वासन के साथ विभिन्न प्रोजेक्ट पर वार्ता हुईं। स्थानीय प्रवासी भारतीय समूहों से भी संवाद हुआ।
दक्षिण कोरिया और जापान दौरे से लौटे मंत्री जयवीर सिंह और मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि इन देशों की ज्यादातर तकनीकी कंपनियां दक्षिण भारत में निवेश करती रही हैं। उत्तर प्रदेश की टीम से मिलना, उनका पहला अनुभव था। भारी निवेश का रास्ता साफ हुआ है।
जर्मनी, बेल्जियम और स्वीडन से लौटे नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने बताया कि यूपी की टीम के इस तरह वैश्विक दौरे पर पहली बार गई थी। निवेशकों के लिए यह बड़ा उत्साह वर्धक रहा। हमें ऐसे दौरे नियमित अंतराल पर होने चाहिए।