बीजिंग. चीन में कोरोना का अब तक सबसे बुरा असर देखने को मिल रहा है. लोग अस्पतालों के साथ-साथ कब्रिस्तान में भी लंबी कतारों में लगे हुए हैं. चीन के अंदर की तस्वीरें काफी भयावह हो गई है. इसके चलते अब लोग देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सरकार ने कड़ी व्यवस्था कर रही है. ताजा मामला चीन के युन्नान प्रांत का है. युन्नान की सीमा तीन अलग-अलग देशों के सटी हुई है.
चीन छोड़कर भागना चाहते हैं लोग
वहीं जीरो कोविड पॉलिसी लागू होने के बाद युन्नान प्रांत की सीमा काफी चुस्त कर दी गई है. खासतौर से रुइली शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं. यहां तक कि रुइली शहर से सटे म्यांमार सीमा पर कैमरा, अलार्म, मोशन सेंसल और इलेक्ट्रिफाइड फेंस लगाए गए हैं. 2020 में चीन ने अपने बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को समाप्त करने की आड़ में अपनी दक्षिणी सीमा के पास एक इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग का निर्माण शुरू किया, जो लाओस, वियतनाम और म्यांमार से सटा हुआ है.
वहीं इस दौरान हजारों लोगों को सीमा पार करने के दौरान पकड़ा गया और उनकी परेड निकाली गई. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. चीनी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन में कोरोना वायरस संक्रमण की एक नई लहर के परिणामस्वरूप नए स्वरूप सामने आ सकते हैं और इस घातक वायरस से निपटने के लिए अधिकारियों को अस्पतालों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क स्थापित करना पड़ेगा. पेकिंग यूनिवर्सिटी फर्स्ट अस्पताल के श्वसन विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने चेतावनी दी कि अगले पखवाड़े में बीजिंग में कोविड-19 के गंभीर मामले बढ़ सकते हैं.
एक अस्थायी बाड़, जैसा कि चीन कम्युनिस्ट पार्टी CCP ने तब कहा था, तब से इसके सुरक्षा ढांचे में बड़े पैमाने पर बदलाव देखा गया है. चीन ने बिना किसी औपचारिक सलाह के म्यांमार सीमा पर 3000 मील तक बाड़ बना दी है. वहीं इस सीमा पर चीन सरकार ने हजारों पैट्रोल एजेंट की तैनाती की है ताकि वह लोगों को सीमा पार करने से रोक सकें. अगर कोई भी इस इलेक्ट्रिक फेंस को छूता है तो बॉर्डर पैट्रोल एजेंट के पास सूचना पहुंच जाएगी.