मुंबईः जिंदगी में सबके लिए अपने सपनों को पूरा कर पाना आसान नहीं होता. कभी आर्थिक स्थिति, कभी परिवार तो कभी समाज के विरोध के चलते लोग अपने सपनों को पूरा करने से चूक जाते हैं. लेकिन, कहते हैं ना कि अगर आप मन में ठान लें तो आप वो सबकुछ पा सकते हैं जो चाहते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है फरहाना भट ने. फरहाना मुस्लिम कंजरवेटिव फैमिली से बाहर निकलकर बॉलीवुड में एंट्री कर चुकी हैं. इसके लिए फरहाना को अपने परिवार से लेकर समाज तक के विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन वह बिना किसी पर ध्यान दिए अपना सपना पूरा करने की राह पर निकल पड़ीं.
फरहाना जल्दी ही इम्तियाज अली की फिल्म लैला-मजनू से बॉलीवुड डेब्यू किया. लेकिन, फरहाना बताती हैं कि वह एक ऐसे परिवार से आती हैं, जहां लड़कियों के घर से निकलने पर भी पाबंदी है. अगर यहां लड़की पेंसिल लेने भी अपने घर से बाहर निकलती है तो बवाल मच जाता है. उसे कैरेक्टरलेस कहा जाता है. फरहाना के अनुसार, वह ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जहां सिर से दुपट्टा उतर जाए तो हंगामा मच जाता था, उस माहौल में अभिनेत्री ने जीन्स पहनी, जिस पर घर में खूब बवाल मचा, लेकिन फरहाना की मां हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं.फरहाना ने बताया कि कैसे वह छुप-छुपकर ऑडिशन के लिए जाती थीं. कई बार रिजेक्शन झेलना पड़ा, लेकिन उन्होंने ऑडिशन देना नहीं छोड़ा. ऑडिशन के लिए फरहाना ने खूब मेहनत की, यूट्यूब पर वीडियो देखकर तैयारी की. लेकिन, रिश्तेदारों ने खूब अड़ंगा डाला. इसके चलते फरहाना की मां को भी भला-बुरा सुनना पड़ा. जिससे कई बार वह भावुक हो गईं. ऐसे में फरहाना ने एक समय पर मन बना लिया कि अब वह एक्टिंग के बारे में नहीं सोचेंगी.इन सबके चलते फरहाना डिप्रेशन में आ गईं. करीब 2 महीने तक, वह घर में ही रहीं. सब उनके एक्टिंग के जुनून के खिलाफ थे. वह जब कहीं ऑडिशन देने जातीं, लोग उनकी मदद से पीछे हट जाते. इस पर फरहाना की मां ने उनका सपोर्ट किया. उन्होंने कहा मैं तुम्हारे लिए सबसे इतना इसलिए नहीं लड़ी कि तुम थक जाओ और पीछे हट जाओ. तुम्हे आगे बढ़ना है. अपनी मां की इसी बात से फरहाना को ताकत मिली. जिसके बाद उन्होंने लैला-मजनू के लिए ऑडिशन दिया और उन्हें जसमीत का किरदार मिला