राजधानी लखनऊ के राजनारायण लोकबंधु संयुक्त चिकित्सालय में नर्सिंग स्टॉफ और टेक्नीशियनों का विरोध प्रदर्शन जारी हैं। काला फीता बांधकर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक का यहां से ट्रांसफर कर दिया हैं।
वही शनिवार को अस्पताल के निदेशक की तरफ से चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय शंकर त्रिपाठी को चेतावनी पत्र जारी किया गया जिसमें कहां गया कि उनके द्वारा स्टाफ के लिए प्रयोग किए गए कठोर शब्दों से कर्मचारियों की भावनाए आहत हो रही हैं।
यह था पूरा मामला -
दरअसल 3 दिसंबर को लोकबंधु अस्पताल की नर्समंजू देवी ने नींद की गोलियां खा लीं। बेहोशी की हालत में नर्स को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। नर्स के परिजनों ने मैट्रन और अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उत्पीड़न की बात कही हैं। नर्स के पति की तरफ से कृष्णानगर थाने में 2 डॉक्टर समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई हैं। हालांकि मामलें में FIR दर्ज नही हुई पर तभी से नर्सिंग स्टॉफ का प्रदर्शन जारी हैं।
डिप्टी सीएम ने न्याय का दिलाया था भरोसा
राजकीय नर्सिंग संघ के अशोक कुमार ने बताया कि डॉ अजय शंकर त्रिपाठी के बर्ताव से तमाम लोग आहत हैं। 6 दिसंबर को डिप्टी सीएम सीटी स्कैन मशीन के उद्घाटन समारोह में लोक बंधु अस्पताल आए थे उन्होंने भी पीड़ित नर्स समेत सभी स्टॉफ से न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था। पर अभी तक चिकित्सा अधीक्षक का स्थानांतरण नहीं किया गया हैं। हमारी मांग हैं कि उन्हें यहां से हटाया जाए।
क्या कहते हैं जिम्मेदार -
लोकबंधु अस्पताल की निदेशक डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि पूरे प्रकरण में जांच के लिए कमेटी का गठन हुआ था। अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी के उत्पीड़न का सवाल ही नही उठता। जांच के बाद चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी को पत्र भी जारी किया गया हैं। रही बात मेडिकल सुपरिटेंडेंट के ट्रांसफर की तो यह शासन के दायरें में हैं। मेरा सभी से कहना हैं कि मरीजों के लिए सभी लोग ढंग से काम करें।