नई दिल्ली: चमड़े के सामान का कारोबार करने वाला मुंबई का एक 55 वर्षीय कारोबारी तीन बार अलग-अलग लॉटरी और Foreign Aid फ्रॉड के जाल में फंस गया और उसने साइबर स्कैमर्स के एक गिरोह को 21 लाख रुपये का भुगतान कर दिया. जानकारी के मुताबिक स्कैमर ने कथित तौर पर कारोबारी से विभिन्न फर्जी लॉटरी से करोड़ों रुपये जीतने का दावा किया था. इस मामले बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स साइबर पुलिस स्टेशन ने 9 दिसंबर को एफआईआर दर्ज की थी.
पुलिस के मुताबिक धोखाधड़ी का यह सिलसिला मई 2020 में उस शुरू हुआ था जब शिकायतकर्ता को एक वॉट्सऐप मिला, जिसमें कहा गया था कि उसने 22 लाख रुपये की फेसबुक स्टार लॉटरी जीती है. इसके बाद उसका भरोसा जीतने के लिए जालसाजों ने कथित तौर पर उसके नाम और लॉटरी की रकम के साथ एक फर्जी चेक की फोटो भेजी. इसके बाद उन्होंने (स्कैमर्स) ने कारोबारी को अपनी डिटेल देकर और रजिस्ट्रेशन, टैक्स और अन्य शुल्कों का पेमेंट करके प्रक्रिया को पूरा करके पैसा प्राप्त करने के लिए कहा.
एफआईआर के अनुसार एक महिला सहित तीन जालसाजों ने खुद को प्रदीप, अली और नमिता के रूप में पेश किया. इसके बाद शिकायतकर्ता ने लॉटरी की राशि प्राप्त करने के लिए सितंबर 2021 में लाखों रुपये का भुगतान किया. इसके बाद स्कैमर्स ने एक बार फिर कारोबारी को 1.25 लाख रुपये और देने को कहा लेकिन उसने कहा कि उसके पास पैसे नहीं हैं.
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2021 में फिर हुई धोखाधड़ी
प्राथमिकी में कहा गया है कि 27 दिसंबर 2021 को एक बार फिर सुबह करीब 9 बजे शिकायतकर्ता को एक अंतरराष्ट्रीय वॉट्सऐप नंबर से एक मैसेज मिला. जिसे कथित तौर पर दुबई के प्रिंस हमदान द्वारा भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि शिकायतकर्ता ने प्रिंस फादर्स कॉम्पेंसेशन फंड जीता था और उसे 1.5 मिलियन डॉलर (12.30 करोड़ रुपये) मिलेंगे. उन्होंने पुलिस को बताया कि वह फिर स्कैमर्स के झांसे में आ गया और स्कैमर्स के बैंक अकाउंट में प्रोसेसिंग फीस और टैक्स के रूप में 9 लाख रुपये भेजे. इस मामले में भी जालसाजों ने उससे पैसे लेने के बाद उससे सारे संपर्क तोड़ दिए.
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तीसरी बार शिकार हुआ कारोबारी
एफआईआर के मुताबिक तीसरी धोखाधड़ी इस साल 20 जुलाई में उस समय हुई जब उसे एक और वॉट्सऐप मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था कि उनसने $ 4.5 मिलियन की अनक्लैम डोनेशन अमाउंट जीता है. पुलिस ने बताया कि स्कैमर्स ने उसे अपने ईमेल में एक बैंक ड्राफ्ट भेजा. उसमें से एक ने खुद को गुरमीर सिंह बताया और कहा कि वह दिल्ली का एक सीमा शुल्क अधिकारी है और उसने उस आदमी को विदेशी ऐड लाने के लिए दो अंतरराष्ट्रीय नंबर दिए है. इसके बाद कारोबारी ने इस एस्कॉर्ट सर्विस को किराए पर लेने के लिए 9 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया.
21 लाख रुपये का पेमेंट
कुल मिलाकर शिकायतकर्ता ने तीन अलग-अलग साइबर धोखाधड़ी में 21 लाख रुपये का पेमेंट किया और आखिर में पिछले महीने पुलिस से संपर्क किया. साइबर पुलिस ने प्रारंभिक जांच की और एफआईआर दर्ज की.