दिल्ली की एक अदालत ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को अपनी बहन की शादी में शामिल होने के लिए एक सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि खालिद को 23 दिसंबर से 30 दिसंबर तक अंतरिम राहत दी जाएगी और बिना किसी विस्तार की मांग किए अंतरिम जमानत की अवधि पूरी होने पर अदालत में आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया है। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों से जुड़े एक यूएपीए मामले में दो साल पहले उनकी गिरफ्तारी के बाद से यह पहली बार है जब खालिद तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे।
गौरतलब है कि साल 2020 के फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस ने उमर खालद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस की तरफ से उमर खालिद को शरजिल इमाम और अन्य कुछ लोगों के साथ मुख्य आरोपी बताया गया था। जिसके साथ ही यूएपीए और आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि शरजील इमाम और उमर खालिद के खिलाफ यूएपीए के तह भी केस चल रहा है।
अब कोर्ट से मिली बेल
प्राप्त जानकारी के अनुसार बहन की शादी में शामिल होने के लिए उमर खालिद ने बेल की अर्जी लगाई थी, जिस पर दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट की तरफ से अंतरिम जमानत दे दी गई है। उमर को 23 से 30 दिसंबर तक एक हफ्ते के लिए जमानत दी गई है। जिसके बाद 30 दिसंबर को सरेंडर करना है।