नई दिल्ली: भारत के पाकिस्तान या किसी भी देश में क्रिकेट खेलने की संभावना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने साफ कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए पाकिस्तान पर निरंतर अंतर्राष्ट्रीय दबाव रहना चाहिए और भारत को उस दबाव को बनाए रखने के लिए नेतृत्व करना होगा. जयशंकर ने एक जोरदार और साफ संदेश दिया कि सीमा पार आतंकवाद को कभी भी सामान्य बात नहीं समझा जाना चाहिए. भारतीय खिलाड़ियों के पाकिस्तान नहीं जाने की बीसीसीआई की घोषणा के बाद एशिया कप 2023 को लेकर बीसीसीआई और पीसीबी के बीच विवाद के बारे में जयशंकर ने कहा कि टूर्नामेंट तो आते रहते हैं और आप सरकार के रुख को जानते हैं. देखते हैं आगे क्या होता है.
जयशंकर ने समाचार चैनल आजतक के एजेंडा प्रोग्राम में कहा कि मैं दोहराना चाहता हूं कि हमें यह कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए कि एक देश के पास आतंकवाद को जारी रखने का अधिकार है. हमें इसे अवैध बनाना होगा. और इसके लिए देश पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव होना चाहिए. यह दबाव तब बना रहेगा जब आतंकवाद के शिकार लोग अपनी आवाज उठाएंगे. हमें इसमें नेतृत्व करना होगा क्योंकि हमने आतंकवाद के कारण खून बहाया है. भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता फिर से शुरू करने के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि यह एक जटिल मुद्दा है. अगर मैं आपके सिर पर बंदूक रख दूं, तो क्या आप मुझसे बात करेंगे? और इसके नेता कौन हैं, कहां शिविर हैं… इसके बारे में कोई रहस्य नहीं है. हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि सीमा पार आतंकवाद सामान्य बात है. मुझे एक और उदाहरण दें जहां एक पड़ोसी दूसरे के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा हो. ऐसा कोई उदाहरण नहीं है. एक तरह से यह असामान्य ही नहीं बल्कि असाधारण बात है
रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत ने अपनी जनता का पक्ष लिया
जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में सरकार ने अपने लोगों का पक्ष लिया. हमें अपना लाभ देखना था. और कुछ देशों को पहले आगे आना पड़ा. और हम अकेले नहीं हैं जो जल्द से जल्द स्थिति का कूटनीतिक समाधान चाहते हैं. दुनिया में लगभग 200 देश हैं. अगर आप उनसे उनका रुख पूछते हैं, तो ज्यादातर लोग चाहेंगे कि युद्ध जल्द खत्म हो, कीमतें कम हों, और प्रतिबंध खत्म हों. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया और विकासशील देशों की आवाज बन गए हैं.