बेंगलुरु की तर्ज पर नोएडा को सेफ सिटी बनाने के लिए प्राधिकरण ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके तहत 400 स्थानों (नोएडा और ग्रेटर नोएडा) पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। नोएडा विकास प्राधिकरण की टेक्निकल टीम की ओर से जगह का सर्वे किया जा रहा है।
नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम राजेश कुमार ने बताया कि सर्वे का काम पूरा होने के बाद इन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। जिनकी मॉनिटरिंग पुलिस कंट्रोल रूम से की जाएगी। इसके लिए सेक्टर-94 में कमांड कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसे आईएसटीएमएस के साथ भी जोड़ा जा सकता है।
जहां पहले से शहर में लगे एक हजार से ज्यादा कैमरों की मॉनिटरिंग की जा रही है। 400 स्थानों की लिस्ट नोएडा पुलिस ने प्राधिकरण को सौंपी है। इस प्रोजेक्ट को महिलाओं की सुरक्षा के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसे में उन स्थानों को ज्यादा चिह्नित किया गया है जहां महिलाओं का आना जाना ज्यादा होता है।
स्कूल, मॉल्स और मेट्रो स्टेशन पर लगाएं जाएंगे कैमरे
जिन स्थानों की सूची पुलिस विभाग की ओर से दी गई है। उसमे बाजार, सरकारी व निजी स्कूलों व ब्लैक स्पाट और भीड़ भाड़ वाले इलाके मेट्रो स्टेशन, बस स्टैंड, मॉल्स के बाहर का स्पेस शामिल है। सेफ सिटी परियोजना के तहत प्रदेश में 160 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि सर्वे पूरा होने के बाद जनपद का एस्टीमेट तैयार कर किया जाएगा।
जिसे बोर्ड के जरिए शासन को भेजा जाएगा। ये कैमरे आईएसटीएमएस की बजाए सेफ सिटी के तहत लगाए जाएंगे। इनका वाहनों के चालान से कोई संबंध नहीं होगा। हालांकि सुरक्षा के तहत वाहनों की नंबर प्लेट व उसमें बैठे लोग भी साफ तौर पर कैमरों में नजर आएंगे। जिन जगह कैमरे लगाए जाएंगे उनमें अधिकतर हिस्सा शहरी क्षेत्र ही है।
बदमाशों का चेहरा पहचान लेंगे कैमरे
ये सभी कैमरे फेस डिडक्शन कैमरे होंगे। बदमाशों का डेटा पुलिस के पास पहले से रहेगा। ऐसे में कोई भी बदमाश यदि इन कैमरों की जद में आता है तो उसकी लाइव लोकेशन और पूरा डेटा कंट्रोल रूम में आ जाएगी। उसे आसानी से पकड़ा जा सकेगा।
पुलिस कंट्रोल रूम से सीधे मॉनिटरिंग
सेफ सिटी के कंट्रोल रूम सीधे पुलिस मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से जुड़े होंगे। जिससे कोई भी जानकारी या सूचना मिलने पर तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन , चौकी और पीआरवी और डायल-112 को जानकारी दी जा सकेगी।