रेलवे अधिकारियों की परेशानी बढ़ने वाली है। दरअसल, सीबीआई द्वारा उत्तर रेलवे के इंजीनियरों को 50 हजार रुपए घुस लेते पकड़ा गया था। उसके बाद से ही जांच तेज हो गई। इसमें यह चेक किया जा रहा है कि निर्माण कार्यों में पिछले दो साल के दौरान किन योजनाओं में कहां, कितना भुगतान हुआ, इसकी जानकारियां जुटाई जा रही है। इसी जांच में सीबीआई की रडार पर रेलवे के कई बड़े अफसर आ रहे है।
सूत्रों का कहना है कि रेलवे अब इनको पूछ-ताछ के लिए बुलाया जा रहा है। अब इसकी वजह से अधिकारियों की स्थिति खराब है कि जांच में उनका भ्रष्टाचार सामने आ जाएगा। इसकी वजह से टीम के आने से आला अफसरों में हड़कम्प मचा हुआ है।
एक दिसंबर को हुई थी गिरफ्तारी
एक दिसम्बर को सीबीआई की टीम ने उत्तर रेलवे के कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के इंजीनियर अरुण कुमार मित्तल को ठेकेदार से रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने मित्तल के ठिकानों से 1.38 करोड़ रुपए भी बरामद किए। उनके ऊपर एक ठेकेदार से रिश्वत मांगने का आरोप था, जिसमें सीबीआई ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
सीबीआई सूत्रों के अनुसार मामले की जांच को लेकर टीम हजरतगंज स्थित डीआरएम कार्यालय भी गई थी, जहां एकाउंट डिपार्टमेंट में पूछताछ भी की। रेलवे अफसरों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट का वित्तीय लेनदेन मंडल के वित्तीय लेनदेन से अलग रहता है।
सीबीआई सूत्र बताते हैं कि पूछताछ के दौरान मित्तल ने मंडल के निर्माण कार्यों से जुड़ी जानकारी दी है, जिसे लेकर एकाउंट विभाग से पिछले दो साल केदौरान निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदारों को किए गए भुगतान की जानकारियां जुटाई गई हैं। कई रेलवे अफसर हैं, जो सीबीआई के रडार पर हैं और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में रहे दूसरे पूर्व सीपीएम भी जांच के दायरे में आ रहे हैं।
अफसरों की वजह से फंस मित्तल !
एके मित्तल रेलवे के कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट में उपमुख्य अभियंता थे। कंस्ट्रक्शन विभाग में करोड़ों रुपए की परियोजनाएं चलती हैं, ऐसे में ठेकेदारों को भुगतान के एवं में मोटी रकम वसूली जाती है।