प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बुधवार को लखनऊ और अमेठी में पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उनके परिवार की संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया। इस दौरान ईडी ने संपत्तियों पर अपना बोर्ड लगा दिया। सपा के शासन में खनन मंत्री रहे, गायत्री प्रजापति फिलहाल जेल में बंद हैं।
लखनऊ में साढ़े 4 बीघा जमीन कब्जे में ली
ईडी की टीम ने लखनऊ की मोहनलालगंज तहसील के मऊ गांव पहुंची। यहां पूर्व मंत्री के बेटे अनिल प्रजापति के नाम पर खरीदी गई लगभग साढ़े चार बीघे जमीन को अपने कब्जे में लिया। इस जमीन की कीमत लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए बताई जा रही है।
खेती लायक जमीन पर हुई कार्रवाई
इसी तरह अमेठी जिले की अमेठी तहसील क्षेत्र में भी संपत्ति को ईडी ने अपने कब्जे में लिया। ईडी की टीम ने गायत्री प्रजापति के पैतृक गांव परसावां में स्थित कृषि योग्य जमीन पर अपना कब्जा लिया है। परसावां में गाटा संख्या 50 व 51‚ महमूदपुर में गाटा संख्या 1072 और बहादुरपुर में भी गायत्री प्रजापति की जमीन पर कब्जा लेकर बोर्ड लगा दिया है।
बोर्ड पर सख्त संदेश लिखा
इस बोर्ड पर उप निदेशक प्रवर्तन निदेशालय के आदेश के हवाले से लिखा है कि धन शोधन निवारण अधिनियम-2002 (पीएमएलए) की धारा- 8(4)के तहत यह संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के कब्जे में है। इसका किसी प्रकार का अंतरण अवैध होगा। अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नौकर के नाम पर लखनऊ में ली थी जमीन
बीते 25 जुलाई को ईडी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सपा सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की संपत्ति अटैच की थी। मोहनलालगंज के इंद्रजीत खेड़ा में गायत्री ने नौकर राम सहाय के नाम 10 बीघा जमीन ली थी। जमीन पर प्लाटिंग शुरू हो गई थी। ईडी ने संपत्ति को अटैच कर यहां पर बोर्ड भी लगा दिया गया। गायत्री ने अवैध ढंग से कई संपत्तियां अर्जित की थी, ईडी ने गायत्री की बेनामी संपत्तियों की सूची बनाई है।
अब तक ईडी ने गायत्री पर ये कार्रवाई की
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के विरुद्ध ईडी ने आठ अप्रैल, 2021 को बड़ी कार्रवाई की थी। ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री व उसके परिवार के सदस्यों की 36.94 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। साथ ही गायत्री के विरुद्ध मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी की विशेष अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया था।
उस समय गायत्री और उसके परिवार की जो संपत्तियां अटैच की गई थीं, उनमें 57 बैंक खातों में जमा करीब 3.50 करोड़ रुपए तथा 60 चल-अचल संपत्तियों शामिल थीं। जब्त संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य 55 करोड़ रुपए आंका गया था।