शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यानी प्रसपा का विलय समाजवादी पार्टी में हो गया है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल को पार्टी का झंडा सौंपा। अखिलेश ने शिवपाल का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इसके बाद दोनों काफी देर तक कार्यकर्ताओं के बीच में साथ-साथ बैठे नजर आए।
अखिलेश और शिवपाल सिंह यादव ने गुरुवार को संयुक्त रूप से सैफई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी विलय की घोषणा की। मैनपुरी उपचुनाव का फाइनल रिजल्ट आने से पहले यूपी की राजनीतिक में बड़ा टर्निंग प्वाइंट देखने को मिला है।
इस दौरान वहां शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे। जबकि पार्टी का विलय होने के बाद शिवपाल सिंह यादव ने मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, अब 2024 में हम साथ लड़ेंगे। हमारी पार्टी का विलय हो गया है।
इससे पहले मैनपुरी में प्रचंड बढ़त के बाद इटावा सपा प्रमुख अखिलेश और शिवपाल यादव इटावा पहुंचे। सबसे पहले अखिलेश यादव मुलायम सिंह की समाधि स्थल पर पहुंचे। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद वह सीधे चाचा शिवपाल यादव से मिलने पहुंचे।
शिवपाल ने बताई थी अखिलेश के साथ आने की वजह
उपचुनाव में प्रचार के दौरान एक नुक्कड़ सभा में शिवपाल ने अखिलेश के साथ आने की वजह बताई थी। उन्होंने कहा बताया था कि चुनाव से पहले बहू डिंपल ने फोन किया था। बहू ने कहा कि मैं चुनाव लड़ रही हूं। आपका आशीर्वाद चाहिए। आप साथ आ जाओ। हम लोगों को एक साथ रहना है। इस पर बहू से मैंने कहा कि हम एक हो जाएंगे, लेकिन अखिलेश कुछ गड़बड़ करें तो तुम गवाह रहोगी न। बहू ने हां में जवाब दिया तो हम एक हो गए।
शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा था नेताजी के न रहने पर डिंपल को जिताना हमारी भी प्रतिष्ठा का सवाल है। इसलिए आप सब लोगों से हाथ जोड़कर विनती है। ज्यादा से ज्यादा वोट देकर सपा की प्रत्याशी डिंपल यादव को विजयी बनाएं।
अखिलेश-डिंपल ने चाचा के घर जाकर लिया था आशीर्वाद
इससे पहले 8 नवंबर को अखिलेश यादव, डिंपल के साथ चाचा शिवपाल यादव से मिलने उनके घर पहुंचे थे। बंद कमरे में करीब एक घंटे तक मुलाकात की थी। इस दौरान शिवपाल के बेटे आदित्य भी साथ थे। मुलाकात के बाद शिवपाल यादव ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा- जिस बाग को सींचा हो खुद नेता जी ने...उस बाग को अब हम सीचेंगे अपने खून पसीने से। इसके बाद माना जा रहा है कि चाचा भतीजे चली ही खटास कम होने लगी है।
2018 में शिवपाल ने प्रसपा का किया था गठन
समाजवादी पार्टी से अलग होकर 29 अगस्त 2018 को समाजवादी नेता और मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) यानी प्रसपा का गठन किया था। प्रसपा ने लोकसभा चुनावों के बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अपने प्रत्याशी उतारे थे।