इधर आया नगर निकाय आरक्षण उधर भिड़ गए बीजेपी के नेता , जान से मारने की धमकी तक के लग गए आरोप

इधर आया नगर निकाय आरक्षण उधर भिड़ गए बीजेपी के नेता , जान से मारने की धमकी तक के लग गए आरोप

बीती रात हरदोई जिले के लिए काफी हलचल वाली रही । कल ही नगर निकाय आरक्षण घोषित हुआ , कल ही अधिवक्ता संघ चुनाव की तारीखें घोषित हुई और कल रात ही बीजेपी के दो नेता आपस मे भिड़ गए । अधिवक्ता संघ वाला जिक्र इसलिए किया कि भिड़ने वाले एक बीजेपी नेता अधिवक्ता भी हैं । मामला कुछ यूं बढ़ा कि बात सवर्ण बनाम हरिजन होने तक पहुंच गया और तमाम लोग जातिगत बातें करने लग गए ।

आरक्षण घोषित होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग आह और वाह वाह भरी पोस्ट्स पढ़ कर अपना मनोरंजन कर ही रहे थे कि बीजेपी युवामोर्चा के उपाध्यक्ष और बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के जिला संयोजक रहे गीत सिंह गौर ने अवध क्षेत्र अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय महामंत्री पीके वर्मा जो भी हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि और पति भी हैं , पर गम्भीर आरोप लगाते हुए ताबतोड़ फेसबुक पोस्ट्स करना शुरू कर दिया । गीत सिंह ने लिखा कि पीके वर्मा ने उन्हें व्हाट्सएप कॉल कर जान से मारने की धमकी दी क्योंकि उन्होंने नगर पालिका और जिला पंचायत में कार्यकर्ताओं को समायोजित ना करने जैसी मामूली बात लिख दी थी । 

इस मसले पर जब पीके वर्मा से बात की गयी तो उन्होंने भी गीत सिंह गौर पर नशे में होकर गाली गलौज करने के आरोप लगाए । पीके वर्मा ने कहा कि गीत सिंह ने उन्हें दलबदलू कहते हुए अत्यंत ही आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए उनसे बात की । पीके वर्मा ने इशारों में ये भी साफ किया कि यदि गीत की तरफ से इस मामले को लेकर अब आगे कोई कदम उठाया गया तो वो भी शांत नही बैठेंगे ।

इसी मामले पर जब गीत सिंह से बात की गई तो गीत ने आरोप लगाया कि उनकी एक मामूली से विषय को लेकर लिखी गयी फेसबुक पोस्ट से तिलमिलाकर पीके वर्मा ने उन्हें हरदोई छुड़वाने और जान से मारने की धमकी दे डाली । गीत ने भी कहा कि अगर पीके वर्मा इस मामले को लेकर आगे बढ़ते हैं तो वो संगठन के अलावा अधिवक्ता संघ में भी गुहार लगाएंगे और पीछे नही हटेंगे । 

मतलब ये निकला कि दोनों पक्ष एक दूसरे से क्रिया होने पर ही भयंकर प्रतिक्रिया देंगे अन्यथा की स्थिति में शांति बहाल रहेगी फिलहाल । 

हालांकि आम शोहरत में पीके वर्मा की छवि शालीन और गीत सिंह की छवि उग्र की मानी जाती है और दोनो के बीच सम्बंध भी मधुर रहे अब तक , ऐसे में निकाय चुनावों के चरम पर बीजेपी के ही दो मजबूत स्तम्भ आपस मे टकराएंगे तो ज़ाहिर है नुकसान बीजेपी का ही होगा और विपक्षी मौज भी लेंगे । इस मसले पर बीजेपी के आला पदाधिकारी जनों की अब तक की चुप्पी भी कई सवालों के घेरे में आ रही है , यहां गौरतलब ये भी है कि पीके वर्मा 2024 के लोकसभा चुनाव में खुद की दावेदारी मजबूत करने में भी लगे हुए हैं ऐसे में मामूली बातों पर यूँ रिएक्ट करना जैसा कि आरोप है , उनको भी नुकसान ही पहुंचाएगा ।


 लौझड चालू
sudhanshumisra52@gmail.com, 06 December 2022

Leave a Reply

Required fields are marked *