जयपुर: सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने राजस्थान के हालिया घटनाक्रमों का भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर असर होने की धारणा को खारिज करते हुए दावा किया है कि पार्टी की प्रदेश इकाई पूरी तरह एकजुट है. उन्होंने कहा कि फिलहाल ध्यान इस बात पर है कि राजस्थान में यात्रा को दूसरे राज्यों की तुलना में ज्यादा सफल बनाया जाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ अपने मतभेदों पर बीजेपी के तंज को लेकर पलटवार करते हुए पायलट ने कहा कि यह सब उस दल की तरफ से हो रहा है जहां मुख्यमंत्री पद के कम से कम एक दर्जन दावेदार हैं.
पायलट ने कहा कि बीजेपी में बहुत ज्यादा गुटबाजी है. वे पिछले चार वर्षों में राजस्थान में अच्छे विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पाए हैं. राजस्थान कांग्रेस की अंदरुनी कलह का असर भारत जोड़ो यात्रा पर होने से जुड़ी चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर पायलट ने कहा कि जहां तक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का सवाल है तो इसको लेकर पार्टी में पूरी तरह एकजुटता है. हम इसे सफल बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.
हमने सरकार बनाने के लिए बहुत मेहनत की है
पायलट ने कहा कि इसमें किसी व्यक्ति या ए, बी या सी का सवाल नहीं है. पार्टी के रूप में हमने सरकार बनाने के लिए बहुत मेहनत की है. राहुल गांधी की यात्रा अगले 12 महीनों के भीतर होने वाले चुनाव की दिशा में हमारे प्रयासों को मजबूत करेगी. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के हालिया जयपुर दौरे के संदर्भ में पायलट ने कहा कि यात्रा के कई पहलुओं को लेकर लंबी चर्चा हुई. उन्होंने जोर दिया कि यात्रा के संदर्भ में किसी भी तरह की चिंता का कोई सवाल नहीं उठता.
कुछ कहानियां गढ़ने की कोशिश हो सकती है
पायलट ने कहा कि कुछ कहानियां गढ़ने की कोशिश हो सकती है. लोग विवाद पैदा करने करने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन पार्टी पूरी तरह एकजुट है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि राजस्थान में यात्रा दूसरे राज्यों से ज्यादा सफल हो. क्या गहलोत द्वारा उन्हें गद्दार कहे जाने वाले बयान की छाया इस यात्रा पर पड़ सकती है पर पायलट ने कहा कि मुझे लगता है कि इस समय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चीज है कि यात्रा राजस्थान में सफलतापूर्वक संपन्न हो.
पायलट बोले हम मिलकर काम करेंगे
पायलट ने कहा कि मैं अपनी तरफ से और अन्य लोगों की तरफ से भी यह कहता हूं कि फिलहाल हमारी प्राथमिकता अगला विधानसभा चुनाव जीतने की है. राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलती है. इस चलन को बदलना है. इसके लिए हम मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि 2013 के विधानसभा चुनाव में अशोक गहलोत की अगुवाई वाली सरकार के समय कांग्रेस 200 सदस्यीय विधानसभा में 21 सीट पर सिमट गई थी. फिर वहां से पार्टी ने मेहनत की तथा 2018 में बहुमत हासिल किया.