गुर्जर नेता विजय बैंसला ने कहा है कि आज हम सरकार से वार्ता के लिए नहीं। उनका फीडबैक सुनने जाएंगे। क्योंकि वार्ता नहीं हो रही। हमने कल पॉइंट रख दिए। वार्ता तो तब होती है। जब लंबा डिस्कशन होता है। आज तो हम सुनने जाएंगे कि सरकार ने क्या किया। हमने कोई ज्ञापन नहीं दिया है। 2019 और 2020 का समझौता है। हम उसी को इम्प्लीमेंट करने की मांग कर रहे हैं। वो समझौता सरकार के पास ऑलरेडी रखा हुआ है।
बैंसला ने कहा- हमने कल सरकार को अपनी सारी बातें रख दीं। वो आज बताएंगे क्या फीडबैक है। कल की बैठक में सरकार ने बोला- हमें 24 घंटे का टाइम दीजिए। हम इस पर मंथन करके आपको बताएंगे। तो हमने सोचा 4 साल इंतजार कर लिया। एक दिन और सही। क्या फर्क पड़ता है। वो ही मुद्दे हैं। जो पहले थे। कुछ भी नहीं बदला है।
उनकी वो जाने, उनका मालिक जाने, जो समाज के साथ खड़ा है, हम उसके साथ
मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और विधायक इंद्राज गुर्जर के विजय बैंसला पर सचिन पायलट को बदनाम करने के लिए टूल बनाए जाने के आरोपों पर कहा- उनकी वो जाने, उनका मालिक जाने। हमें इस पर कोई कमेंट नहीं करना है। मैं तो इतना कहूंगा जो समाज के साथ खड़ा है। हम उसके साथ खड़े हैं। यह समाज के बच्चों की बात है।
सचिवालय में फिर से बैठक
दरअसल, आज दोपहर सचिवालय में सरकार ने फिर से बैठक के लिए गुर्जर प्रतिनिधी फिर से पहुंचे हैं। गुर्जर नेता साल 2019 और 2020 में हुए समझौते के बिंदू लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसमें भर्तियों में एमबीसी आरक्षण के लंबित केस, पुरानी भर्तियों में आरक्षण का फायदा दिलाने, बैकलॉग पोस्ट में आरक्षण देकर गुर्जर समाज के युवाओं की भर्ती करने, शैडो पोस्ट क्रिएट करने, गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान समाज के लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने, एससी-एसटी की तर्ज पर एमबीसी के स्टूडेंट्स को मेडिकल में फीस में छूट देने, देवनारायण योजना जैसे मुद्दे शामिल हैं।
सचिवालय की बैठक में विजय बैंसला समेत करीब 20 गुर्जर प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। सरकार की तरफ से शिक्षा मंत्री डॉ बीडी कल्ला, गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना, देवनारायण बोर्ड अध्यक्ष जोगिंदर सिंह अवाना और ब्यूरोक्रेट्स गुर्जर नेताओं से बातचीत में मौजूद रहेंगे।
ये है 11 नवंबर 2020 का समझौता पत्र
11 नवंबर 2020 को कैबिनेट सब कमेटी और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के बीच मांगों पर जयपुर के विद्युत भवन गेस्ट हाउस में 6 पॉइंट्स पर सहमति बनी थी।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान घायल और बाद में मरे 3 व्यक्तियों कैलाश गुर्जर, मानसिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर के परिवार को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि और परिवार के आश्रित सदस्य को योग्यता के अनुसार नौकरी देने का फैसला राज्य सरकार ने लिया और नियुक्ति पत्र जारी किए।
एमबीसी कैटेगरी के 1252 अभ्यर्थियों को रेग्युलर वेतन श्रृंखला के बराबर फायदा देने के आदेश कार्मिक विभाग ने जारी कर दिए। इसके तहत उन सभी कर्मचारियों को परिलाभ का फायदा मिलेगा। इनके बारे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर बाकी के परिलाभ दिए जाने पर सहमति बनी।
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान 11 नवंबर 2020 तक दर्ज मुकदमों की वापसी पर डिस्पोजल की प्रोग्रेस पर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति को बताया गया। बाकी मुकदमे सीरीयल वाइज वापस करने की मॉनिटरिंग के लिए त्रैमासिक बैठक करने पर सहमति बनी। साथ ही कहा गया कि दुर्भावना पूर्वक कोई नई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी।
प्रोसेस में चल रही भर्तियों के संबंध में एक कमेटी गठित की जाएगी। वह समिति भर्ती के प्रोसेस में माने जाने के सब्जेक्ट का लीगल राइट्स सहित अन्य राज्यों में रूल्स को लेकर परीक्षण करेगी। समिति इस संबंध में आरक्षण संघर्ष समिति का पक्ष भी सुनेगी।
15 फरवरी 2019 को मलारना डूंगर में हुए समझौते के पॉइंट नम्बर 5 के अनुसार भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
देवनारायण योजना के तहत जयपुर में एमबीसी कैटेगरी के लिए गर्ल्स होस्टल के लिए 50 बेड स्वीकृत किए गए, 50 नए बेड और स्वीकृत करने पर सहमति बनी।
2019 का मलारना डूंगर समझौता का पॉइंट-5
15 फरवरी 2019 को मलारना डूंगर में हुए समझौते के पॉइंट 5 (समय-समय पर SBC/MBC के बकाया रिजर्व व बैकलॉग पदों को भरना) के अनुसार भी कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गई थी। नवंबर 2020 के फैसले से गुर्जर समाज को उम्मीद जागी थी कि इन प्रक्रियाधीन भर्तियों में करीब 4000 पदों पर नियुक्तियां मिल सकती हैं। गुर्जर समाज के नेताओं और एडवोकेट्स का तर्क रहा कि ज्यादातर राज्यों में प्रोसेस में चल रही भर्तियों में अगर एक पद भी बाकी रह जाता है, तो उन्हें प्रक्रियाधीन भर्तियों की श्रेणी में माना जाता है। ऐसे में सरकार उन राज्यों से लीगल ऑपिनियन लेती है, तो 13 भर्तियां प्रक्रियाधीन भर्तियों की श्रेणी में मानी जाएंगी। एसबीसी आरक्षण सुप्रीम कोर्ट की ओर से खत्म करने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश से राजस्थान में 2015 में ऑनगोइंग पाइपलाइन प्रक्रियाधीन अलग-अलग भर्तियों में 1252 बेरोजगारों को नियुक्ति दी गई थी।
गुर्जर समाज का यह भी आरोप रहा है कि सरकार चाहती तो चुनावी मेनिफेस्टो के सीरियल नम्बर 4 के वादे के मुताबिक प्रक्रियाधीन और बैकलॉग भर्तियों के कुल मिलाकर 25 हजार पदों पर बेरोजगार अभ्यर्थियों को नियुक्ति दे सकती थी। गुर्जर समाज की आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच इन भर्तियों को लेकर लगातार पिछले 3 साल से रुक-रुककर संघर्ष जारी है। इन प्रक्रियाधीन भर्तियों को लेकर कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल सका है। आरोप है कि सरकार शैडो पोस्ट क्रिएट कर भर्तियां नहीं दे रही है।
गुर्जर समाज इन भर्तियों में आरक्षण की मांग कर रहा है-
1. रीट भर्ती परीक्षा
2. राजस्थान पुलिस भर्ती परीक्षा
3. पंचायती राज एलडीसी भर्ती
4. कॉमर्शियल असिस्टेंट भर्ती परीक्षा
5. द्वितीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा
6. टेक्निकल हेल्पर भर्ती परीक्षा
7. नर्सिंग भर्ती परीक्षा
8. महिला सुपरवाइजर भर्ती परीक्षा
9. जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा
10. कनिष्ठ लेखाकार भर्ती परीक्षा
11. पैरामेडिकल भर्ती परीक्षा
12. कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग भर्ती परीक्षा
13. ड्रग्स कंट्रोलर ऑफिसर भर्ती परीक्षा
गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान ही नहीं 12 सितम्बर 2022 को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के दौरान पुष्कर के मेला ग्राउंड में हुए हुड़दंग में पुलिस प्रशासन की ओर से गुर्जर समाज के युवाओं पर दर्ज मुकदमे में नरम रुख अपनाने और कार्रवाई नहीं करने की मांग भी विजय बैंसला ने उठाई है। 19 सितम्बर 2022 को एक पत्र भी गृह विभाग के प्रमुख सचिव को उन्होंने लिखा।
राहुल की राजस्थान में एंट्री से पहले गुर्जरों को मनाना चाहती है सरकार
राहुल गांधी की यात्रा रोकने की धमकी देने के बाद गुर्जर नेताओं के साथ सरकार ने बातचीत तेज कर दी है। सूत्र बताते हैं कि सीएम खुद चाहते हैं कि राहुल गांधी की यात्रा से पहले पॉजिटिव रेस्पॉन्स के साथ वार्ता कर गुर्जर प्रतिनिधियों की समझाइश की जाए। उनकी वाजिब मांगों को पूरा करने के लिए मंत्रियों और अफसरों को भी कहा गया है। इसीलिए गुर्जर नेताओं और सरकार के बीच सहमति बनाने के प्रयास जारी हैं। सोमवार को गुर्जर नेताओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ सचिवालय में मंत्रियों और अफसरों ने करीब दो घंटे तक बातचीत की।
अचानक क्यों बढ़ा पूरा घटनाक्रम
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे और गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने कांग्रेस की यात्रा का विरोध करने की चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि सरकार ने 2019 और 2020 में गुर्जर समाज के साथ समझौता किया था, उसे अगले 20 दिन में पूरी तरह से लागू नहीं किया, तो वे राहुल गांधी की यात्रा को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे। उनकी धमकी के बाद कांग्रेस की राजनीति में बवाल मचा हुआ है।