मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच हाल ही गहराए विवाद में अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा तक सियासी-सीजफायर के आसार बन गए हैं। हाईकमान की तरफ से यात्रा निकलने तक दोनों खेमों को कोई विवाद नहीं करने के संकेत मिले हैं।
गहलोत के सचिन पायलट को गद्दार कहने से शुरू हुए विवाद को निपटाने के लिए बीच का रास्ता निकाला गया है, दोनों ही नेताओं को साधने का फॉर्मूला अपनाया गया है। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल राजस्थान के मामले को देख रहे हैं।
ताजा विवाद के बाद पहली बार संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल आज जयपुर आ रहे हैं। वेणुगोपाल 3:30 बजे कांग्रेस वॉर रूम में 35 बड़े नेताओं की भारत जोड़ो यात्रा पर बनी कमेटी की बैठक लेंगे। इस कमेटी की बैठक में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी शामिल होंगे। गद्दार वाले बयान के बाद दोनों नेता आज पहली बार आमने सामने होंगे। इस बैठक में आज गहलोत-पायलट की मौजूदगी या गैर मौजूदगी सियासी नरेटिव तय करेगी।
वेणुगोपाल को विवाद निपटाने का जिम्मा
वेणुगोपाल को भारत जोड़ो यात्रा तक राजस्थान पर फोकस करने का जिम्मा दिया है। राजस्थान विवाद को यात्रा तक शांत रखने का टास्क दिया गया है। यात्रा से जुड़ी कमेटी की बैठक लेने का मकसद भी यही बताया जा रहा है। कमेटी की बैठक के बाद वेणुगोपाल सीएम और सचिन पायलट से अलग अलग चर्चा कर सकते हैं। विवाद पर बात करने के अलावा यात्रा से जुड़े मैनेजमेंट पर भी वेणुगोपाल पॉइंट टू पॉइंट चर्चा करेंगे।
आज 521 किलोमीटर यात्रा का पॉइंट टू पॉइंट रूट फाइनल होगा
राहुल गांधी की झालावाड़ से लेकर अलवर जिलों में करीब 521 किलोमीटर की यात्रा का आज पॉइंट टू पॉइंट रूट प्लान फाइनल होने के आसार हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्रियों ने पूरे रूट का जायजा लिया है। यात्रा राजस्थान में 17 से 20 दिन रहने के आसार हैं।
इसलिए वेणुगोपाल को जिम्मा
अजय माकन के प्रदेश प्रभारी के पद से इस्तीफे की पेशकश के बाद उन्होंने राजस्थान का काम बंद कर दिया है। माकन ने 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके पैरेलल बैठक करने के जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ एक्शन नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए 8 नवंबर को इस्तीफे की पेशकश करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी थी।
उसके बाद से माकन ने राजस्थान प्रभारी का काम बंद कर रखा है। भारत जोड़ो यात्रा से पहले प्रभारी का जिम्मा फिलहाल किसी को नहीं दिया गया है। इसलिए अब प्रभारी की जगह केसी वेणुगोपाल को जिम्मा दिया गया है। अजय माकन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद बनाई गई स्टीयरिंग कमेटी के मेंबर जरूर हैं लेकिन उन्होंने राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम बंद कर रखा है।
बैठक में दिखी खींचतान, इंटरव्यू में गहलोत ने गद्दार कहा था
भारत जोड़ो यात्रा की 23 नवंबर को कांग्रेस वॉर रूम में हुई बैठक में गहलोत और पायलट के बीच तल्खियां साफ दिखी थीं। दोनों के एक एक दूसरे को घूरते हुए वीडियो खूब चर्चित हुआ था। इस बैठक में गहलोत के आने के आधे घंटे बाद ही सचिन पायलट जल्दी निकल गए थे। इस बैठक में आने से ठीक एक दिन पहले गहलोत पाली में इंटरव्यू देकर आए थे, जिसमें पायलट को गद्दार कहा था। इस बैठक के अगले दिन ही इंटरव्यू प्रसारित हुआ जिस पर अब तक विवाद जारी है।
पहली बार आमना-सामना
आज की बैठक में गहलोत और पायलट दोनों की बॉडी लैंग्वेज और जेस्चर पर सबकी निगाह रहेगी। 23 नवंबर की बैठक से आज हालात बदले हुए हैं। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल बैठक में रहेंगे, इसलिए पिछली बैठक से हालात और माहौल बदला हुआ है। गद्दार कहने के बाद पहली बार गहलोत का पायलट से आमना सामना होगा, तो दोनों की भाव भंगिमाएं क्या होती हैं, इस पर सबकी निगाहें रहेंगी। आज की बैठक को इस मायने में काफी अहम माना जा रहा है।
राजस्थान में यात्रा की एंट्री से ठीक पहले 4 दिसंबर को बैठक
राहुल गांधी की यात्रा के राजस्थान में एंट्री से ठीक पहले 4 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी की बैठक रखी गई है। इस बैठक में पार्टी संगठन से जुड़े लंबित मुद्दों पर चर्चा होगी। इस बैठक में संगठन की पेंडिंग नियुक्तियों और विवादों को निपटाने पर चर्चा होगी। स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में राजस्थान करो लेकर भी चर्चा होने के आसार हैं। राजस्थान प्रभारी के पद से माकन के इस्तीफे की पेशकश के मुद्दे से लेकर गहलोत पायलट विवाद के समाधान पर चर्चा होने के आसार हैं। इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
राहुल फॉमूले पर ही राजस्थान का हल
राजस्थान विवाद का हल राहुल गांधी फॉमूले पर ही निकाले जाने के संकेत हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट को साथ रखने का मैसेज देने के लिए राहुल गांधी की यात्रा का इस्तेमाल होगा। राहुल गांधी ने खुद एक दिन पहले कहा है कि दोनों ही नेता पार्टी के लिए एसेट हैं, इसका मतलब यही निकाला जा रहा है कि सुलह के अलावा कोई फॉर्मूला नहीं हैं।
राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान में आएगी तब गहलोत और पायलट अगवानी से लेकर लगभग हर बड़े प्रोग्राम में साथ रहेंगे। यात्रा के मंचों पर दोनों करो साथ रखकर सुलह और एकता का मैसेज दिया जाएगा। राहुल गांधी ने पिछले विधानसभा चुनावों से पहले भी अनुभव और युवा जोश को साथ लेकर चलने की घोषणा की थी। फिर से वही फॉर्मूला अपनाया जाएगा।