25 सितंबर को कांग्रेस विधायकों की इस्तीफा पॉलिटिक्स के बाद पिछले दो माह से राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर एक ही मुद्दा है- सरकार रिपीट कौन करवा सकता है? सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट अपने-अपने दावे कर रहे हैं।
रार इतनी बढ़ गई है कि पार्टी की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता जयराम रमेश को तीसरी बार हस्तक्षेप करते हुए एकजुटता का मैसेज देना पड़ा है। यह तब हो रहा है, जब राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान में सप्ताह भर बाद प्रवेश करने वाली है।
आखिर सरकार रिपीट का मुद्दा कांग्रेस के लिए कितना अहम है? इसकी पड़ताल के लिए पिछले चुनावों पर नजर डालें तो यह कांग्रेस के लिए चिंता बढ़ाने वाला दिखता है। तथ्य और आंकड़े कहते हैं कि राजस्थान ही नहीं देश भर में कहीं भी पिछले 10 सालों में किसी भी राज्य में कांग्रेस की सरकार रिपीट नहीं हुई है।
राजस्थान में 1993 के बाद रिपीट नहीं हुई किसी भी पार्टी की सरकार
1990 में भाजपा की जो सरकार बनी थी, वो ढाई वर्ष बाद ही गिर गई थी, लेकिन 1993 में भाजपा फिर से सरकार में आई। तब सीएम भैंरोसिंह शेखावत थे। इसके बाद 29 सालों में किसी पार्टी की सरकार राजस्थान में रिपीट नहीं हुई।
राजस्थान में 1985-90 के बाद कांग्रेस की सरकार कभी भी रिपीट नहीं हुई है, जबकि इसके बाद कांग्रेस ने 1998, 2008 और 2018 में तीन बार सरकार बनाई है, लेकिन अब तक रिपीट नहीं हो पाई। 2003 और 2013 में भाजपा सत्ता में आई।
देश की 75 करोड़ की आबादी वाले बड़े राज्यों में कांग्रेस पिछले 22 से 52 सालों से सत्ता में नहीं आई
उत्तरप्रदेश में 33 वर्ष, गुजरात में 27 वर्ष, बंगाल में 51 वर्ष, उड़ीसा में 22 वर्ष, बिहार में 32 वर्ष, तमिलनाडु में 52 वर्ष और त्रिपुरा में 29 वर्ष से कांग्रेस की सरकार नहीं बनी है। इन राज्यों में भाजपा, वाम व अन्य क्षेत्रीय दलों जैसे टीएमसी, बीजेडी, डीएमके, एआईडीएमके की सरकारें बनी हैं। इन राज्यों में देश की लगभग 70 फीसदी आबादी (लगभग 75 करोड़ लोग) रहती है। पिछले 10 सालों में कांग्रेस लोकसभा के भी दो चुनाव लगातार हार चुकी है।
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