आज अयोध्या के मंदिरों में विवाह उत्सव की तैयारी है। क्योंकि आराध्य श्रीराम और जनकनंदनी जानकी का विवाह आज ही हुआ था। 11 मंदिरों से राम बारात निकलेगी। खुद महंत राजा दशरथ बनेंगे। अयोध्या के लोग आज श्रीराम के बाराती बनेंगे। रात में मंदिरों में सीता और राम की शादी के आयोजन की धूम होने वाली है। इसलिए मंदिर दुल्हन की तरह सजा दिए गए हैं। विदेशी पर्यटक भी अयोध्या पहुंच चुके हैं।
अयोध्या और नेपाल में मनाया जाता है उत्सव
विवाह पंचमी पर्व को सनातन संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जनकनंदनी जानकी जी के साथ विवाह हुआ था। अयोध्या और नेपाल में इस दिन को उत्सव के रूप में धूम-धाम से मनाया जाता है। बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार विवाह पंचमी पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष ये पर्व 28 नवंबर 2022 यानी आज मनाया जा रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि विवाह पंचमी के दिन श्री राम और माता सीता की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
अमेरिका से प्रिया और गुजरात से पद्मभूषण कन्नू भाई टेलर पहुंचे अयोध्या
इस समारोह में शामिल होने के लिए अमेरिका से प्रिया अपने परिजनों के साथ रंगमहल में आई हुई हैं। यहां शिक्षा मत्री गुलाबो देवी न केवल राम विवाह में शामिल होंगी। बल्कि रामाबारात के साथ अयोध्या की पैदल यात्रा भी करेंगी। गुजरात से प्रसिद्ध समाजसेवी पद्मभूषण कन्नू भाई टेलर और व्यवसायी दिनेश कुमार तिवारी, दिल्ली के समाजसेवी संजीव शंकर आदि अयोध्या के श्रीरामवल्लभाकुंज पहुंच चुके हैं। कोलकाता, मुंबई, पंजाब सहित देश के अनेक शहरों और यूपी के अधिकांश जिलों के भक्त भगवान के विवाह का आनंद लूटने अयोध्या में आए हुए हैं।
जानकी महल में राम के तिलकोत्सव में 150 महिलाओं ने गीत गाए
जानकी महल के प्रबंधक आदित्य सुल्तानियां ने बताया कि भगवान श्रीराम और सीता की मूर्ति को हल्दी लगाई गई है। 9 बजे से पूरे दिन, स्नान, आरती, राम का तिलक उत्सव हुआ। शाम बिनोरी नेग में किशोरी जी देश भर के श्रद्धालुओं ने उपहार भेंट किया। इस दौरान 150 महिलाओं गीत गाए। उन्होंने बताया कि बारात लौटने पर भगवान की मूर्तियों का विवाह मंदिर में और स्वरूप का विवाह हाल में होगा।बारात में 4 घोड़े, 2 ऊंट, 3 बग्घी रहेगी। हाथी सुरक्षा कारणों से नहीं रखा गया है। इससे पहले सिय रघुवीर बिबाहु जे सप्रेम गावहिं सुनहिं, तिन्ह कहुं सदा उछाहु मंगलायतन राम जस... के अनुरूप अयोध्या मंदिरों में श्रीसीताराम विवाहोत्सव का आनंद चरम पर है। इससे पूर्व भगवान श्रीराम सहित चारो भाइयों के स्वरूप को हल्दी लगाकर विधिवत मंत्रोच्चारण कर पूजन किया गया। प्रभु श्रीराम समेत दशरथ नंदन कुमारों की भव्य बारात बाजे-गाजे के साथ धूमधाम से निकलेगी।
29 नवंबर को राम कलेवा महोत्सव होगा
जहां एक 28 नवंबर को विधि-विधान से पाणिग्रहण संस्कार की रस्म भी पूरी की जाएगी और श्रद्धालु गण कन्यादान में यथा शक्ति सीता को अपनी भेंट समर्पित करेंगे। वहीं 29 नवंबर को भगवान राम का कुंवर कलेवा का आनंददायक क्षण भी आएगा, जब वधू पक्ष की ओर से अखिल ब्रह्माण्ड नायक परात्पर ब्रह्म को ही दूल्हा सरकार के रूप में मधुर गीतों से नवाजा जाएगा। चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया, आज लोढ़ा से सेकाई इनके गाल सखियां.. परंपरागत गीतों से अयोध्या गुलजार होगी।