राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के सचिन पायलट पर सीधा हमला करने के बाद भारत जोड़ो यात्रा को लेकर चर्चाएं बढ़ गई हैं। भले ही सीएम गहलोत के इस बयान पर अलग-अलग तरह के रिएक्शन सामने आ रहे हों मगर गहलोत ने अपने बयान से सचिन पायलट के लिए मुसीबतें बढ़ा दी हैं। खासतौर से गहलोत के बयान के बाद भारत जोड़ो यात्रा को लेकर सचिन पायलट की चुनौतियां ज्यादा होंगी।
गुरुवार को सामने आए इंटरव्यू में गहलोत ने पायलट को गद्दार करार दिया। गहलोत के पायलट को गद्दार करार देने की आलोचना कई जगह हुई। मगर इसका सबसे ज्यादा असर गुर्जर समाज में हो सकता है। कई जानकारों का कहना है कि इस तरह के बयान से गुर्जर समाज में नाराजगी है। यात्रा जिस रूट से गुजर रही है वह गुर्जर-मीणा बाहुल्य है। इन इलाकों में पायलट का दबदबा है।
सचिन पायलट के लिए दो बड़ी चुनौतियां.....
पहली चुनौती : गुर्जरों को कंट्रोल कर माहौल बनाए रखना
गहलोत के पायलट को गद्दार करार किए जाने के बाद पायलट समर्थकों में गुस्सा है। वहीं गुर्जर बाहुल्य होने से यह संभावना भी है कि राहुल गांधी के सामने गुर्जर समुदाय अपनी नाराजगी व्यक्त करे। ऐसा होता है तो यात्रा के दौरान विवाद भी हो सकता है। इसे ध्यान में रखते हुए पायलट के सामने यह बड़ी चुनौती होगी कि यात्रा में भीड़ लाने के साथ-साथ गुर्जरों को कंट्रोल करे। ताकि यात्रा में सकारात्मक माहौल बना रहे। ऐसे में पायलट के लिए इन चुनौतियों के बीच सफलतापूर्वक यात्रा को पूरा कर पाना बड़ा लक्ष्य होगा।
दूसरी चुनौती : यात्रा को भव्य और सफल दिखाना
पायलट यह दावा कर चुके हैं कि अबतक जितना रेस्पॉन्स यात्रा को अन्य राज्यों में मिला है। उससे ज्यादा रेस्पॉन्स राजस्थान में मिलेगा। ऐसे में सियासी संकट के बीच पायलट के लिए चुनौती होगी कि वो कैसे इस यात्रा को भव्य दिखा सके। पायलट की जिम्मेदारी होगी कि राजस्थान से गुजरने के दौरान यात्रा में भाड़ी संख्या में लोग दिखाई पड़े। ऐसा नहीं होने की सूरत में विरोधी खेमा इसे अलग तरह से प्रोजेक्ट कर सकता है।