सरकारी नौकरी का फॉर्म भरने की कोई फीस नहीं लगनी चाहिए
अगर पेपर लीक हो जाए तो बोर्ड उसका मुआवजा स्टूडेंट्स को दे
इंजीनियरिंग-एमबीए-बीएड कर चुके बेरोजगार भाइयों को जीरो इंटरेस्ट पर लोन मिले
किसी को चाय की थड़ी, कचौरी का ठेला लगाना हो तो इसके लिए अलग से बजट होने चाहिए
जो बेरोजगारी भत्ता 3 हजार रुपए मिल रहा है, इसे बढ़ाकर 5 हजार रुपए किया जाना चाहिए
ये वो सुझाव हैं जिसके लिए 20 दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था- कि आप हमें सुझाव भेजिए, इन्हें अगले बजट में शामिल किया जाएगा। शायद प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब यूथ से इस तरह सुझाव मांगे गए। इसके लिए बाकायदा ऑनलाइन पोर्टल भी खोला गया है।
मह 10 दिन में इस पोर्टल पर 1 लाख के करीब सुझाव आ चुके हैं। युवाओं के ज्यादातर सुझाव रोजगार, बेरोजगारी भत्ता, नौकरी, पद, आरक्षण नियम, भर्ती, बैकलॉग, कंपटीशन एग्जाम, रिजल्ट से संबंधित हैं। लेकिन मुसीबत यह है कि जो सुझाव आ रहे हैं, उन्हें देखना, छंटनी करना और बजट में शामिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। इन सुझावों को कैसे और कितने ढंग से बजट में शामिल किया जाएगा, इसका अंदाजा लगाना असंभव है।
क्या वाकई में आपके सुझावों को देखा या पढ़ा जा रहा है? क्या सच में आपके सुझाव को मुख्यमंत्री तक पहुंचेंगे? क्या उन्हें बजट में शामिल किया जाएगा?
इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए भास्कर टीम ने वित्त विभाग से संपर्क किया...
वित्त विभाग के निदेशक (बजट) बृजेश किशोर शर्मा ने बताया कि हमारे पास सुझावों को अंतिम छोर तक पहुंचाने का सिस्टम है। हम तेजी से सुझावों को अलग-अलग कैटेगरी में छंटनी करने में जुटे हैं। बजट में युवाओं पर खास फोकस की बात सीएम गहलोत ने कही है, जिसका पूरा पालन हो रहा है।
अभी वेबसाइट ओपन है। ऐसे में लाखों सुझाव आ रहे हैं। हम सभी सुझावों को वन बाइ वन देखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। अच्छे और तार्किक सुझावों को शॉर्टलिस्ट कर बजट में शामिल करेंगे।
युवाओं के कुछ खास सुझाव
भास्कर टीम ने वित्त विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर जाना कि आखिर प्रदेश के युवाओं की डिमांड क्या है? आइए आपको भी बताते हैं कि मौजूदा समय में युवाओं की जरूरत क्या है? और किस तरह के सुझाव बजट में यूथ के लिए भेजे जा रहे हैं।
बार-बार हो रहे पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए कोई फुल प्रूफ सिस्टम बने।
आरपीएससी और कर्मचारी चयन आयोग को केंद्र के यूपीएससी और एसएससी की तर्ज पर डेवलप किया जाए। जहां भर्ती परीक्षा की तारीख, कैलेंडर, रिजल्ट सब कुछ व्यवस्थित हो। अगले तीन साल में कौन-कौन सी परीक्षाएं कब आयोजित होंगी सब तय होनी चाहिए।
प्रतियोगी परीक्षाओं को बंद कर स्कूल-कॉलेज व संबंधित डिग्री-डिप्लोमा में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाई जाए। इससे पेपर आउट होने, नकल और बेईमानी की संभावना लगभग समाप्त हो सकेंगी।
बेरोजगारी भत्ता 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए मासिक किया जाए। पिछले चुनावों (2018) में भाजपा ने बेरोजगार भत्ता 5 हजार रुपए मासिक देने का वादा किया था।
किसी भी डिपार्टमेंट में किसी भी रैंक पर कार्यरत प्रत्येक संविदाकर्मी को पक्का (नियमित) किया जाए।
युवाओं को उनकी डिग्री जैसे इंजीनियरिंग, बीएड, होटल मैनेजमेंट, एमबीए के आधार पर बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार की ओर से जीरो इंटरेस्ट रेट पर लोन दिया जाना चाहिए।
छोटे बिजनेस जैसे- चाय की दुकान, कचौरी का ठेला, पोहे का ठेला, हेयर कटिंग की दुकान, कृषि कार्य, पशुपालन, दूध उत्पादन के लिए सरकार आर्थिक मदद करे। इसमें पढ़े-लिखे, उच्च शिक्षित युवाओं को प्राथमिकता मिले।
प्रतियोगी परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए कोई फीस नहीं ली जाए। पूरा भुगतान सरकार अपने बजट से करे।
युवाओं को इंग्लिश स्पीकिंग सिखाने के लिए सरकार स्कूल या कॉलेज के स्तर पर ही व्यवस्था करे।
सरकारी नौकरी के लिए कभी भी आवेदन न करने की शर्त के साथ युवाओं को अपना स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करने के लिए बिना ब्याज के मदद मिले।
पेपर लीक या परीक्षा रद्द होने पर छात्रों को होने वाले नुकसान का संबंधित बोर्ड से मुआवजा मिले।
सरकारी नौकरी में रिटायरमेंट की उम्र घटाई जानी चाहिए ताकि ज्यादा युवाओं को मौका मिल सके।
छोटे लेवल पर खेती, बागवानी, नर्सरी आदि के कामकाज के लिए युवाओं को फ्री ऑफ कॉस्ट ट्रेनिंग और लोन की व्यवस्था हो।
कितने सुझाव पढ़ेंगे CM?
अगर 31 दिसंबर तक पोर्टल खुला रहता है तो अनुमान है कि 3 लाख से ज्यादा सुझाव वित्त विभाग को मिल सकते हैं। इन्हें एक साथ छांटना बड़ा मुश्किल काम है। ऐसे में विभाग ने अभी से ही सुझावों को देखना, उन्हें सेक्टर वाइज बांटने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए फिलहाल कोई अलग से टीम नहीं बनाई है।
वित्त विभाग के रूटीन कार्मिकों को ही यह जिम्मेदारी दी गई है। पूरा मैकेनिज्म ऑनलाइन है। ऑनलाइन मिलने वाले की स्क्रूटनी की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सबसे बेहतरीन 1000 सुझाव बजट तैयार करने वाली कमेटी के पास जाएंगे। जिन्हें प्रदेश के फाइनेंस मिनिस्टर यानी खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देखेंगे। इनमें से सबसे ब्रिलियंट सुझावों को बजट में जगह दी जा सकती है।
क्या है सुझाव भेजने का प्रोसेस ?
CM के निर्देश - प्राइवेट सेक्टर में जुटाएं जॉब के अवसरों की डिटेल
हाल ही सीएम गहलोत ने कहा था कि सरकारी नौकरी सभी युवाओं को देना संभव नहीं है। ऐसे में युवाओं को प्राइवेट नौकरियों और खुद के व्यवसाय की ओर आकर्षित करना जरूरी है। ऐसे में उम्मीद है कि आगामी बजट में युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां दिलाने के लिए कोई विशेष योजना सामने आ सकती है।
प्राइवेट नौकरियों के लिए उद्योग विभाग को कहा गया है कि वो निजी क्षेत्र की बड़ी औद्योगिक इकाइयों से संपर्क कर वहां के रोजगार के अवसरों और खाली पदों की डिटेल एकत्रित करें।
रोजगार मेलों से निकल सकता है रास्ता
हाल ही राज्य सरकार ने जोधपुर में रोजगार मेला लगाया था। सीएम गहलोत खुद वहां गए थे। अब फैसला किया गया है कि इस तरह के मेले सूबे के हर जिले में लगेंगे। इसके लिए कोई अलग योजना, आयोग, प्राधिकरण आदि भी बनाया जा सकता है। इन मेलों के जरिए युवाओं और औद्योगिक समूहों के बीच सरकार ने पुल बनने का काम किया था।
हाल ही जो REET (शिक्षक भर्ती) हुई थी, उसी में लगभग 16 लाख युवा शामिल हुए थे। इसी तरह पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा में 14 लाख अभ्यर्थी थे। आरएएस, रेलवे, जेईएन, पशुधन सहायक, स्कूल व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, बैंक आदि की परीक्षाओं में भी लाखों युवा अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
ऐसे में युवाओं को समर्पित होने वाले बजट में जो प्रावधान होने हैं, उनका एक करोड़ नौजवान लगातार इंतजार कर रहे हैं। यही कारण है कि सरकार को लगभग एक लाख सुझाव युवा भेज चुके हैं।
यूपी और गुजरात में जाकर धरना दिया था राजस्थान के युवाओं ने
राजस्थान में लगातार हो रहे पेपर लीक मामलों और बढ़ती बेरोजगारी को काबू करने की मांग को लेकर सैंकड़ों युवाओं ने मार्च 2022 में उत्तरप्रदेश और नवंबर 2022 में गुजरात में भी राजस्थान के युवा बेरोजगारों ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ धरना दिया था।
युवाओं ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी मांग की है कि राजस्थान में जल्द रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी अक्सर नौजवानों को नौकरियां देने की पैरवी करते रहे हैं।