नोएडा: सेक्टर-94 की तर्ज पर नोएडा में नया डाॅग शेल्टर बनाया जा सकता है। इसमें बीमार कुत्तों का इलाज के साथ-साथ फीडिंग, वैक्सीनेशन, स्ट्रेलाइजेशन किया जाएगा, जिसका संचालन निजी संस्था से कराया जा सकता है। इसकी तैयारी प्राधिकरण अधिकारियों ने शुरू कर दी है। किस जगह पर यह डाॅग शेल्टर बनाया जाए, इसके लिए जमीन का चयन करने काम शुरू किया गया है।
प्राधिकरण ने यह कवायद डॉग लवर्स के सुझाव के बाद शुरू की है। इसके अलावा उन्होंने प्राधिकरण अधिकारियों से आग्रह किया कि वह जिन 18 डाॅग शेल्टर बनाने जा रहे है। उसकी जगह पर शहर में एक जगह ही सेक्टर-94 की तर्ज पर डाॅग शेल्टर बना दिया जाए
चूंकि 18 जगह पर डाॅग शेल्टर संचालित करने से सोसायटी वालों को भी दिक्कत होगी, क्योंकि 18 जगहों पर कम से कम 54 डॉक्टर, 108 देखभाल करने वाले, 36 साफ सफाई करने वालों के साथ कुछ अन्य कर्मचारियों की तैनाती करनी होगी। 18 डाॅग शेल्टर बनाने पर प्राधिकरण कम से कम दो करोड़ रुपए की राशि खर्च करेगा। इतनी बड़ी रकम में नया डाॅग शेल्टर बनाया जा सकता है।
इसे सामाजिक संगठन के जरिए संचालित कराने में सहूलियत भी होगी। नोएडा प्राधिकरण ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह ने बताया कि डाग्स लवर्स के सुझाव पर विचार विमर्श किया जा रहा है। हालांकि मुख्य कार्यपालक अधिकारी का आदेश है कि 18 डाॅग शेल्टर सेक्टरों में ही बनाया जाए
बता दें कि आवारा और कटखाने डॉग्स की समस्या को लेकर शहर दो खेमों में बंट चुका है। एक तरफ डॉग लवर्स नोएडा प्राधिकरण की उस डाॅग पालिसी का विरोध कर रहे है, जिसमें डाग्स की आजादी पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। दूसरी तरफ कटखाने डाग्स की वजह से पीड़ित प्राधिकरण अधिकारियों पर दबाव बना रहे है कि वह सख्त से सख्त डाॅग पालिसी लागू कर आवारा व कटखाने डाग्स से शहरवासियों को निजात दिलाए।
इस विरोध को शांत कराने के लिए पिछले दिनों नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में डाग्स लवर्स, सामाजिक संस्था, कंसल्टेंट कंपनी के साथ बैठक की, जिसमें डाॅग पालिसी पर आपत्तियों के लिए सुझाव मांगा गया। इसमें डॉग लवर्स से आग्रह किया गया कि वह लिफ्ट में लोगों के साथ अपने डाग्स को लेकर न चले, बल्कि अलग से लिफ्ट का प्रयोग किया जाए।
इस पर डॉग लवर्स ने प्राधिकरण अधिकारियों के आग्रह को मान गए, लेकिन उन्होंने शर्त कर रख दी कि डाग्स का मुंह नहीं बंद किया जाएगा। इससे डाग्स को बहुत अधिक दिक्कत होगी, चूंकि डॉग जीभ निकालता है। ऐसे में मुंह को बंद करने से उनकी नैसर्गिक क्रिया पर असर पड़ेगा, इसलिए इसका नया विकल्प तलाश किया जाए।
डॉग होम्स शैल्टर में ये होंगी सुविधा
बीमार डॉग्स का इलाज करने के लिए डॉक्टर
बीमार डॉग्स को एडमिट करने की व्यवस्था
डॉग्स की फीडिंग की व्यवस्था
उनकी नसबंदी और समय समय पर टीकाकरण की सुविधा
आक्रामक डॉग्स के व्यवहार को बदलने के लिए ट्रेनिंग की सुविधा