काशी-तमिल संगमम में भाग लेने चौथा डेलीगेट वाराणसी पहुंच चुका है। आज सुबह बनारस रेलवे स्टेशन पर 216 आध्यात्मिक लोगों का डमरू के वादन संग भव्य स्वागत किया गया। इस ग्रुप में तमिलनाडु के अलावा पद्दुचेरी और दूसरे जगह के भी तमिल लोग हैं। सभी डेलीगेट्स को बस से होटलों में भेजा गया।
डेलीगेट्स महसूस करेंगे काशी की आध्यात्मिकता
आध्यात्मिक लोगों का यह दल आज सबसे पहले काशी में गंगा स्नान करेगा। इसके बाद हनुमान घाट स्थित तमिल महाकवि भारतियार के घर का विजिट, चक्रलिंगेश्वर, काम कोटिश्वर, बाबा विश्वनाथ मंदिर का दर्शन-पूजन करेगा। वहीं, सारनाथ विजिट के बाद गंगा आरती और क्रूज से गंगा का सैर करेगा। इस दौरान काशी के आध्यात्मिक कलेवर को प्रस्तुत किया जाएगा।
वहीं, कल शाम यह दल संगमम के सांस्कृतिक आयोजन में भी हिस्सा लेगा। इसके बाद तीसरे दिन प्रयागराज त्रिवेणी संगम और अयोध्या स्थित रामलला का दर्शन करने जाएंगे। वहां से लौटकर फिर काशी आएंगे और यहीं से ट्रेन से वापस तमिलनाडु रवाना होंगे। तमिलनाडु से काशी आए एक डेलीगेट ने आज कहा कि हम सभी भारतीय एक हैं। हम एक साथ रहते हैं। इस संगमम ने इसे पूरा करने में खास भूमिका अदा की है।
आज के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की डिटेल
डॉ. केए अंचल का गीत, पूथिया उद्यम द्वारा तमिल के आध्यात्मिक और इतिहास आधारित ड्रामा, मनुस्वामी का पेरियामेलम नृत्य, शक्ति कन्नन द्वारा कन्या कोटू डांस प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं, मदुरई के कलाकारों द्वारा सुप्रसिद्ध लोक नृत्य कलियट्टम और कुमियट्टम पर तमिलनाडु की समृद्धशाली संस्कृति का परिचय कराया जाएगा। वहीं, थंजावुर के कलाकार थापट्टम नृत्य प्रस्तुत करेंगे।
19 नवंबर को प्रधानमंत्री ने किया था शुभारंभ
19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी-तमिल संगमम के मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। आज आठवां दिन है। यह आयोजन 16 दिसंबर तक होना है। इस बीच एंफीथिएटर ग्राउंड पर तमिल संस्कृति की झलक दिखाते 75 स्टाॅल, दिन में एकेडमिक इवेंट्स और शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम जाेरों पर चल रहा है। तमिलनाडु से काशी आ रहे लोगों, कलाकारों और छात्रों का एक्सपीरिएंस काफी शानदार है।