नीतियों को लेकर किसान फिर से सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर चुके हैं। 26 नवंबर को प्रदेश केक किसान राजभवन का घेराव करेंगे। इससे पहले 19 नवंबर को किसान संगठन विजय दिवस मना चुके हैं। 19 नवंबर को ही सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया था। हालांकि उसके बाद सरकार ने जो किसानों से वायदा किया था उसको पूरा नहीं किया। ऐसे में 26 नवंबर को हजारों किसान राजभवन का घेराव करेंगे। इससे पहले किसानों ने 13 महीने तक दिल्ली में धरना दिया था।
विजय दिवस में किसान संगठन गांवों में ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और किसानी आंदोलन के गीतों के साथ जश्न और विजय मार्च निकाले जाएंगे। रात्रि के समय दीपमालाओं -मोमबत्तियों, आतिशबाजी के साथ किसान कानून वापसी की जीत की खुशी जाहिर करेगा। इससे पहले किसान संगठनों ने लखनऊ में भी बैठक की थी। इसमें तय किया था कि आंदोलन का प्रचार- प्रसार चारों तरफ किया जाए।
तीन मांगों को लेकर दोबारा आंदोलन
एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्जा माफी, किसान पेंशन, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी जैसी तमाम बाकी मांगों के लिए आंदोलन के दूसरे चरण का बिगुल बज चुका है। 26 नवंबर को देश भर में राजभवन मार्च की तैयारियां जोरो पर हैं।
संयुक्त रुप से कई संगठन एक मंच पर
लखनऊ में भी ईको गार्डन में महापंचायत के बाद राजभवन मार्च की तैयारियां चल रही हैं। जिले से अधिकाधिक संख्या किसानों की भागीदारी के लिए भाकियू,किसान सभा, जय किसान आन्दोलन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, भारतीय किसान श्रमिक जन शक्ति यूनियन आदि प्रमुख किसान संगठनों के राष्ट्रीय, प्रादेशिक, जिलास्तरीय पदाधिकारी गांव-गांव जनसंपर्क में जुटे है।
प्रमुख मांग जो किसान रखेंगे
किसानों को सिंचाई के लिए फ्री बिजली
गरीबों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिले
गन्ना का बकाया भुगतान जल्द किया जाए
आवारा पशुओं का बंदोबस्त किया जाए
डीएपी खाद की समुचित व्यवस्था की जाए
सूखा और अतिवृष्टि का बकाया मुआवजा जैसी तमाम राज्यस्तरीय एवं क्षेत्रीय मांगों को उठाया जाए