प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, लगी कैबिनेट की मुहर

प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू, लगी कैबिनेट की मुहर

योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को बड़ा फैसला हुआ। आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज शहरों में अब पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है। इनके बाद अब यूपी के कुल 7 शहर ऐसे हैं, जहां पर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होगा। शुक्रवार को योगी कैबिनेट में कुल 17 प्रस्ताव रखे गए। कैबिनेट ने सभी प्रस्ताव को पास कर दिया।

कैबिनेट बैठक शुक्रवार को सीएम आवास 5-कालीदास पर हुई। सभी कैबिनेट मंत्री करीब 10 बजे यहां पहुंच गए। बैठक में विधानसभा के अनुपूरक बजट के प्रस्ताव पर सबसे पहले चर्चा हुई। इसके बाद यूपी के 3 बड़े शहरों में कमिश्नरेट सिस्टम का प्रस्ताव रखा गया, जिसे मंजूरी दी गई। कैबिनेट में 3 प्रस्ताव परिवहन विभाग के भी पास हुए। इनमें 23 बस अड्‌डों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर विकसित करने का प्रस्ताव अहम है।

गाजियाबाद जिला 46 साल बाद पुलिस कमिश्नरेट घोषित

14 नवंबर 1976 को गाजियाबाद अलग जिला बना। तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने इसे जिला घोषित किया था। इससे पहले ये मेरठ जिले का हिस्सा हुआ करता था। नोएडा की दादरी, हापुड़ और गढ़मुक्तेश्वर तहसील भी पहले गाजियाबाद जिले का हिस्सा होती थीं। जब हापुड़ और नोएडा नए जिले बने तो गाजियाबाद की तीन तहसीलें उनमें चली गईं। अब गाजियाबाद में तीन तहसील, चार ब्लॉक और 24 पुलिस स्टेशन हैं। कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद कुछ बड़े फैसले जो प्रशासन लेता है, उसे सीधे पुलिस ले सकेगी।

44 थानों वाले आगरा महानगर में पुलिस की शक्तियां बढ़ सकेंगी

पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू होने के बाद 44 थानों वाले आगरा महानगर में पुलिस के अधिकार और शक्तियां बढे़ंगी। शांति भंग में जेल भेजने के लिए आरोपी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश नहीं करना पडे़गा। गुंडा एक्ट, गैंगस्टर, संपत्ति जब्तीकरण, जिला बदर आदि की फाइल डीएम के पास अनुमति के लिए नहीं भेजनी पडे़गी। एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट की शक्तियां पुलिस को मिल जाएंगी।

प्रयागराज में कुंभ को लेकर अहम फैसला

प्रयागराज में भी पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है। इसके मुताबिक, शहर के पुलिस थानों के अलावा गंगापार के झूंसी, फाफामऊ और यमुनापार के नैनी थाने को शामिल किया जाएगा। इन दोनों ही क्षेत्रों में एक-एक एसपी की तैनाती होगी। कुंभ के चलते प्रयागराज बेहद अहम शहर है। यहां बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंचते हैं। ऐसे में कमिश्नरेट सिस्टम से सिक्योरिटी व्यवस्था मजबूत होगी।

सबसे पहले लखनऊ, नोएडा में लागू हुआ था सिस्टम

यूपी में 13 जनवरी 2020 को सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था। 26 मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया था। अब योगी सरकार ने तीसरे चरण में 3 शहर आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया है। इस तरह अब 7 महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम होगा।

ऐसे समझें क्या है पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम में पुलिस अधिकारी को जिलाधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के अधिकार मिल जाते हैं। कानून व्यस्था से जुड़े सभी मुद्दों पर पुलिस कमिश्नर निर्णय ले सकते हैं। एसडीएम और एडीएम को दी गई एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रियल पावर भी पुलिस को मिल जाएगी। इससे पुलिस शांतिभंग की आशंका में निरुद्ध करने से लेकर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका तक की कार्रवाई कर सकेगी।

इनके लिए डीएम से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पुलिस को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जिले की कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसलों को लेने का अधिकार कमिश्नर के पास होगा। होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस, हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी इसमें शामिल होगा। धरना-प्रदर्शन की अनुमति देना या न देना और विषम परिस्थिति के समय लाठीचार्ज के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास होगा।

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद अधिकारियों के ये पद होंगे

पद नाम

पुलिस कमिश्नर सीपी

ज्वॉइंट कमिश्नर जेसीपी

असिस्टेंट कमिश्नर एसीपी

डिप्टी कमिश्नर डीसीपी

आसानी से मिलेगी सड़क बनाने की एनओसी

PWD विभाग से एनओसी लेने की प्रक्रिया को सरल किया गया है। स्टेट हाईवे, बड़ी सड़क बनाने के लिए एनओसी लेने में अब ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। वहीं नगर पंचायत टप्पल बनाने का प्रस्ताव रद किया गया है। अब ये एरिया नोएडा प्राधिकरण का ही एक भाग रहेगा।

1861 से भारत में है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम

भारत में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम ब्रिटिशकालीन परंपरा है, जो 1861 से चल रही है। भारत के अन्य महानगरों या बड़े शहरों में भी बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए समय-समय पर पुलिस कमिश्नरों की नियुक्ति होती रही है। पुलिस कमिश्नरी में दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के तहत सारे अधिकार पुलिस कमिश्नर रखता है। उसे संबंधित जिले के जिलाधिकारी यानी DM से पुलिस के मामले में कोई निर्देश लेने की आवश्यकता नहीं होती।

नैमिष धाम का होगा विकास

काशी, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन और विंध्यवासिनी धाम की तर्ज पर सीतापुर के नैमिष धाम को डेवलप किया जाएगा। सीतापुर व हरदोई जिलों के 36 गांव मिलाकर होगा नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया। नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद एक निगमित निकाय होगी। जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे, जबकि मंत्री पर्यटन विभाग, उपाध्यक्ष होंगे।

23 शहरों में हवाई अड्डे की तर्ज पर बनाए जाएंगे बस अड्डे

मंत्रिपरिषद की बैठक में परिवहन विभाग से जुड़े तीन अहम प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत पीपीपी मॉडल पर प्रदेश के 23 बड़े शहरों में हवाई अड्डों की तर्ज पर बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा। पहले चरण में लखनऊ के 2 बस अड्डे, आगरा के 2, प्रयागराज के 2, वाराणसी के 1, गोरखपुर और कानपुर के 1 बस अड्डे शामिल हैं। इन बस अड्डों में यात्रियों के रुकने की व्यवस्था, रेस्टोरेंट, मॉल, शौंचालय, कॉमन रूम जैसी आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। पहले चरण के बाद प्रदेश के सभी 75 जनपदों में बस अड्डों को इसी तर्ज पर संवारा जाएगा।

हर जिले में होगा स्क्रैप सेंटर

इसके अलावा, परिवहन विभाग की स्क्रैप पॉलिसी को भी मंत्रिपरिषद की मंजूरी मिल गई। इसके तहत अब सिर्फ लाइसेंसधारी संस्थाएं ही गाड़ियों के स्क्रैप का इस्तेमाल कर सकेंगी। इसके तहत पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप में देने वालों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा। कॉमर्शियल वाहनों को स्क्रैप में देने पर 15 प्रतिशत टैक्स में छूट मिलेगी, जबकि प्राइवेट गाड़ियों को 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इससे पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा। अब तक महिंद्रा और मारूति समेत 6 कंपनियों को लाइसेंस जारी किया गया है। 5 अन्य कंपनियों पर भी विचार हो रहा है। हर जिले में स्क्रैप सेंटर बनाने की योजना है।

बनारस से बलिया तक 15 जेटी का निर्माण

प्रदेश में जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इसके तहत बनारस से बलिया तक 15 जेटी का निर्माण किया जाएगा। इससे न सिर्फ लोग सस्ते में यात्रा कर पाएंगे, बल्कि किसान अपने उत्पादों को भी अलग-अलग शहरों में भेज सकेंगे। चंदौली जनपद में एक जेटी बन रही है, जहां रेलवे, एयरपोर्ट और बस-ट्रांसपोर्ट समेत तीनों माल परिवहन की सुविधा मिलेगी।


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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