राजकोट: गुजरात के राजकोट जिले में राज समाधियाला गांव में किसी भी राजनीतिक दल को प्रचार करने की अनुमति नहीं है. लेकिन अगर किसी अपना वोट नहीं दिया तो उस पर 51 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है. गांव के सरपंच ने कहा कि 1983 से यहां राजनीतिक दलों को प्रचार करने की अनुमति नहीं देने का यह नियम लगा हुआ है. जबकि मतदान सभी के लिए अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने पर पंचायत की ओर से 51 रुपये का जुर्माना लगता है. राजसमधियाला गांव राजकोट शहर से केवल 22 किमी दूर है.
गुजरात के इस गांव में खोजने पर भी आपको किसी के घर में ताला नहीं मिलेगा. क्योंकि यहां कोई अपने घर में ताला नहीं लगाता है. घर तो घर होता है, वहां कोई न कोई मौजूद ही रहता है. मगर यहां के दुकानदार भी दोपहर में अपनी दुकानें खुली छोड़ देते हैं और घर में खाना खाने आ जाते हैं. ग्राहक जब दुकान पर आता है तो अपनी जरूरत का सामान लेकर उसकी कीमत का पैसा दुकान के गल्ले में डालकर चला जाता है. एक घटना को छोड़कर आज तक यहां कभी भी चोरी की घटना नहीं हुई है. इस गांव में हुई चोरी की इकलौती घटना के अगले ही दिन चोर ने खुद पंचायत में अपना गुनाह कबूल कर लिया और उसका प्रायश्चित करने के लिए मुआवजा दे दिया.
इस गांव में गुटखा विरोधी अभियान चलाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यहां गुटखा पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया गया था और इस नियम को कोई नहीं तोड़ता है. राजकोट जिले के राज समाधियाला गांव ने जल संरक्षण की दिशा में भी काफी बेहतर काम करके एक मिसाल पेश की है. सौराष्ट्र के सूखे इलाके में स्थित इस गांव ने वाटर मैनेजमेंट की मिसाल पेश की है. जहां अब खेती और पशुपालन के लिए पर्याप्त पानी मौजूद है. राज समाधियाला गांव को गुजरात में सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत का पुरस्कार भी मिल चुका है.