नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. इसका मुख्य कारण अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का पश्चिमी फिलीपींस के एक द्वीपीय प्रांत का दौरा है. मंगलवार को कमला हैरिस ने विवादित दक्षिण चीन सागर के किनारे पर मौजूद पश्चिमी फिलीपींस के एक द्वीपीय प्रांत का दौरा किया. इस दौरान अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने फिलीपींस को 7.5 मिलियन डॉलर की मदद देने का ऐलान किया. इस धनराशि की मदद से फिलीपींस के सुरक्षा बल इस विवादित इलाके में बेहतर तरीके से गश्त लगा सकेंगे.
बता दें कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रमक कार्रवाई को लेकर विरोध जताता रहा है. हाल ही में चीन ने अमेरिका को इस विवाद में दखल न देने की चेतावनी दी है. बता दें कि दक्षिण सागर में मौजूद कुछ विवादित द्वीपों को लेकर चीन का फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रूनेई से विवाद है. इससे पूर्व ताइवान के दौरे को लेकर चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी थी.
फिलीपीन की नौसेना ने लगाया आरोप
हैरिस की यात्रा से पहले विवादित समुद्री क्षेत्र में उस समय एक नया टकराव पैदा हो गया, जब फिलीपीन की नौसेना ने आरोप लगाया कि चीन के तटरक्षक बल के एक जहाज ने चीनी रॉकेट के मलबे को जबरन अपने कब्जे में ले लिया. फिलीपीनी नौसैनिक इस मलबे को अपने द्वीप पर ले जा रहे थे. बहरहाल, चीन ने मलबे को जबरन कब्जे में लेने से इनकार किया है. उसने कहा है कि यह मलबा हाल ही में प्रक्षेपित किए गए एक चीनी रॉकेट का था और फिलीपीनी सेना ने मैत्रीपूर्ण विचार-विमर्श के बाद इसे चीन को सौंपा है.
फिलीपीन से कमला हैरिस ने किया वादा
मनीला में सोमवार को राष्ट्रपति फर्डीनैंड मार्कोस जूनियर के साथ वार्ता में हैरिस ने 1951 की परस्पर रक्षा संधि के तहत फिलीपीन की रक्षा करने की वाशिंगटन की प्रतिबद्धता को दोहराया था. उन्होंने मार्कोस जूनियर से कहा था, दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन की सशस्त्र सेना, सार्वजनिक जहाज या विमान पर हमले के जवाब में अमेरिका की परस्पर रक्षा प्रतिबद्धताएं लागू होंगी और यह फिलीपीन से हमारा अटूट वादा है. मार्कोस जूनियर ने इसके लिए हैरिस का आभार जताया था