देहरादून: उत्तराखंड में बढ़ते धर्मांतरण के मामलों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार साल 2018 में धर्मांतरण कानून को बनाया था. इस कानून को कठोर बनाने के लिए ने बीते सप्ताह हुई कैबिनेट में धर्मांतरण के लिए कठोर कानून का प्रस्ताव पास किया था. लेकिन, रविवार को देहरादून में ही एक मामला सामने आया जिसमें थाना डालनवाला क्षेत्र इलाके में स्थित एक घर के अंदर करीब 40 हिंदुओं को लालच देकर ईसाई मिशनरियों से जुड़े लोग धर्मांतरण करवा रहे थे. इस मामले के सामने आने के बाद हिंदू संगठनों ने विरोध किया और जमकर बवाल हुआ. अब इसपर अब पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है.
धर्मांतरण करनेवालों में कई हिंदू भी हैं. आरोप है कि ये लालच में आकर ईसाई धर्म अपना रहे हैं. इनमें से एक रेणु नाम की एक महिला का कहना था कि वो अपनी मर्जी से ईसाई धर्म को अपना रही है. उनको किसी भी प्रकार का न तो लालच दिया गया और न ही किसी प्रकार का दबाव उन पर था. हालांकि, इसी बीच थाना डालनवाला में छत्रपाल नाम के व्यक्ति ने शिकायत की कि घर में होने वाली प्रार्थना में वो भी शामिल था और उससे कहा गया था कि उसका इलाज होगा. लेकिन, जेसे ही वो पहुंचा तो उसका धर्मांतरण करवाया जा रहा था. उसको कहा गया कि उसके घर में स्थित देवी-देवताओं की प्रतिमाएं बहार फेंक दो. उसकी तहरीर पर पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया है और जांच जारी है.
वहीं, धर्मांतरण के मामले में अब पुलिस जांच कर रही है और जल्द कार्रवाई की बात कर रही है. मामले में एसपी सिटी का कहना है कि, कोई स्वेच्छा से भी अपना धर्म बदलता है तो उसकी भी एक विधि सम्मत प्रक्रिया है. इसके तहत एक महीने पहले जिलाधिकारी को आवेदन देना पड़ता है. लेकिन, मामले में शिकायत मिलते ही मुकदमा दर्ज किया गया है और अब जांच जारी है. बता दें कि उत्तराखंड में 2018 में धर्मांतरण कानून आया था जिसके बाद अभी तक यह छठवां मामला दर्ज हुआ है. अन्य सभी पर जांच जारी है.