प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के चलते बीजेपी ने गुजरात चुनाव के लिए आक्रामक रणनीति तय की है। बीजेपी गुजरात में 5 दिसम्बर को दूसरे चरण में होने वाले चुनाव के लिए 93 सीटों पर कारपेट बॉम्बिंग के तहत प्रचार करेगी। बीजेपी का मकसद है कि प्रचार से ऐसा माहौल बनाया जाए कि कोई भी इलाका छूटे नहीं। क्षेत्रवार और वर्गवार जानकारी और अनुभव रखने वाले राजस्थानी नेताओं को भी बीजेपी ने प्रचार की इस नई रणनीति में शामिल किया है। इसके तहत बीजेपी अपने तमाम स्टार प्रचारकों और सीनियर नेताओं को एकसाथ चुनाव प्रचार में उतारेगी। इस बार बीजेपी के केंद्रीय संगठन ने देशभर के नेताओं को कारपेट बॉम्बिंग के तहत चुना है।
22 से 24 नवम्बर को तीन दिन लगातार प्रचार
बीजेपी गुजरात में दूसरे चरण की इन 93 सीटों पर तीन दिन लगातार प्रचार करेगी। इसमें कारपेट बॉम्बिंग कार्यक्रम के तहत हर वरिष्ठ नेता को एक विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है। इन तीन दिनों में तय विधानसभा में रुककर नेता प्रचार करेंगे। हर नेता को एक-एक विधानसभा की जिम्मेदारी दे दी गई है। कारपेट बॉम्बिंग के लिए बीजेपी ने स्टार प्रचारकों, केंद्रीय मंत्रियों, केंद्रीय नेताओं और प्रदेश के वरिष्ठ पदाधिकारियों को चुना है।
राजस्थान के प्रमुख नेताओं को भी जिम्मेदारी
इसके लिए राजस्थान के भी प्रमुख नेताओं को चुना गया है। इसमें बीजेपी की कोर कमेटी के सदस्य शामिल हैं। पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रदेश पदाधिकारी इनमें शामिल हैं। इन्हें अलग-अलग विधानसभाओं की जिम्मेदारी दी गई है। खासतौर से उत्तरी गुजरात की अलग-अलग विधानसभाओं की जिम्मेदारी राजस्थान के नेताओं को दी गई है। बता दें बीजेपी ने पहले से ही राजस्थान के कई नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी गुजरात चुनाव के लिए दी हुई है।
विधानसभा का दौरा और प्रचार एक कारपेट पर होगा
बीजेपी का कारपेट बॉम्बिंग का मकसद एक ही कारपेट पर चुनाव के लिए प्रचार करना है। बीजेपी इन तीन दिन में एक साथ सभी प्रमुख नेताओं से प्रचार और विधानसभा का दौरा करवाकर अलग माहौल खड़ा करना चाहती है। यही वजह है कि बीजेपी ने इस कैम्पेन का नाम कारपेट बाॅम्बिंग रखा है। बीजेपी का फोकस इसमें खासतौर पर उन विधानसभाओं पर होगा जहां वह 2017 के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी।