इटावा जिले में डीएपी खाद के लिए इन दिनों मारामारी देखने को मिल रही है। डिमांड अधिक और आपूर्ति कम होने के कारण यह मारामारी बनी हुई। जिससे किसानों को पर्याप्त डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा है। सरकारी केंद्रों पर डीएपी खाद के लिए सुबह से लंबी कतारें लग जाती हैं। लेकिन, आपूर्ति कम होने के कारण किसानों को पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे में खाद को लेकर मारामारी बनी हुई है। हालांकि विभाग प्रति किसान के लिए निर्धारित कोटे में कटौती कर सभी किसानों को खाद उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहा है। लेकिन, डीएपी की डिमांड अधिक बनी हुई है। इस प्रकार किसानों को डिमांड अनुसार खाद नहीं मिलने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।
रबी फसलों की कटाई में जुटे किसान
खरीफ फसल की कटाई के बाद किसान अब रबी फसल की तैयारी में जुट गया है। इस बार जिले में बारिश भी अच्छी हुई है तो किसान जल्द से जल्द सरसों व गेहूं की बुवाई करना चाह रहा है। इसलिए किसान पहले अपने खेत में डीएपी खाद डालना चाहता है ताकि बुवाई के बाद फसल को अच्छी ग्रोथ मिल सके। जिले में रबी फसल में मुख्य रूप से सरसों व गेहूं की बुवाई अधिक की जाती है। वहीं सरसों के मार्केट भाव 9 हजार प्रति क्विंटल होने के कारण किसानों का सरसों की अधिक रूझान देखा जा रहा है।
डीएपी न मिलने से किसान हो रहे परेशान
इसलिए किसान खेत में बुुआई से पूर्व डीएपी खाद का डालना चाहते है, लेकिन किसानों को पर्याप्त डीएपी खाद नहीं मिलने के कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खरीफ फसल की कटाई लगभग हो चुकी है। ऐसे में किसान रबी फसल की तैयारी करने में जुट गए है। इसलिए डीएपी खाद के सरकारी बिक्री केंद्रों ताखा व कुइयता सरैया, ताखा पर किसानों की भीड़ देखने को मिल रही है।
खाद की बढ़ रही थी डिमांड
3-4 दिनों के दौरान अचानक से खाद की डिमांड काफी अधिक बढ़ गई है। जिस कारण से किसानों को पर्याप्त खाद ही नहीं मिल पा रही है। क्योंकि जिले में खाद की डिमांड अधिक है और आपूर्ति कम। इससे किसानों को पर्याप्त डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है।