लखनऊ के राजाजीपुरम के रहने वाले नितिन मिश्रा 11 अक्टूबर यानी 41 दिनों से यूरोप के अल्बानिया देश में गिरफ्तार हैं। पीड़ित परिवार नितिन मिश्रा को भारत वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय से लेकर सरकारी मदद पोर्टल तक में गुहार लगा चुका है। परिवार वालों का आरोप है कि ड्रग्स केस में उसे फर्जी फंसाया गया है। अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। नितिन की बहन नैना मिश्रा का कहना है कि न ही परिवार की कोई सुनवाई कर रहा है और ना ही कोई कानूनी मदद मिल रही है। वहीं 21 नवंबर यानी आज नितिन मिश्रा को अल्बानिया की कोर्ट में फिर से पेश किया जाएगा।
बहन बोली- जबरदस्ती गोमांस खिलाई जा रही
बहन नैना मिश्रा का कहा, "भाई ने फोन पर बताया कि गोमांस खाने के लिए जबरदस्ती की जा रही है। रोज खाने में मांस परोसा जाता है। पीटा जा रहा है। हिंदू होने की वजह से मांस खाने के लिए मेरे भाई ने कई बार विरोध किया तो उसे जबरदस्ती मांस खिलाया गया। 30 अक्टूबर 2022 को मदद पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद से अभी तक कोई सूचना नहीं मिली। अल्बानिया में गिरफ्तार नितिन मिश्रा के परिवार को कोई जानकारी नहीं दी। हम सब अंधेरे में बैठे हैं। हम यह भी नहीं जानते कि नितिन मिश्रा आज कहां हैं?"
कानूनी मदद के लिए सरकार ने कोई वकील तक नहीं दिया
नैना मिश्रा ने कहा कि मेरे भाई को छुड़ाने के लिए सरकार की तरफ से विदेश में कोई वकील तक भी नहीं दिया गया। सरकार की तरफ से कोई भी जानकारी नहीं दी गई कि अल्बानिया में भाई को किस आरोप में गिरफ्तार किया गया। बहन नैना मिश्रा का कहना है कि प्रधानमंत्री से पूरी उम्मीद है कि वह मेरे भाई को लखनऊ वापस लाएंगे, लेकिन यह उम्मीद अब टूट रही है।
आइए अब मामले को नितिन की बहन की जुबानी समझते हैं
बहन नैना ने बताया कि नितिन नेटवर्क मार्केटिंग में काम करता था। 2016 में मां को कैंसर होने के बाद से लखनऊ में रहने लगा। वह मेक इन इंडिया के तहत कपड़ों का कारोबार करना चाहता था। इसके लिए विदेशों में लिंक तलाश रहा था। इसी दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से एक व्यक्ति से बातचीत हुई। उसी ने अल्बानिया आने के लिए कहा।
11 अक्टूबर को वह पहले मुंबई गया। वहां से दुबई और फिर अल्बानिया गया। 17 अक्टूबर को उसे वहां से निकलना था, लेकिन वापस नहीं लौटा। नंबर भी बंद आ रहा था। इसके बाद 22 अक्टूबर को उसका फोन आया। उसने बताया कि उसे फंसाया गया है। अल्बानिया में उसे ड्रग्स केस में गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके बाद उसका फोन कट हो गया। इंडियन और अल्बानिया एंबेसी में कई कॉल की, लेकिन कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है।
नैना ने आगे बताया कि इससे पहले नेटवर्क मार्केटिंग के तहत नितिन मलेशिया और दुबई गया था। लेकिन, उसमें वह भी उसके साथ गई थी। कभी कोई ऐसा काम नहीं किया, जिससे वह कहीं फंसे। दोस्तों ने बताया कि नितिन हमेशा अपने काम पर ध्यान देता था। हर वक्त कपड़े के कारोबार की बात करता था। उस रिसर्च में दोस्त भी मदद कर रहे थे। हम लोगों को बचपन से सिखाया गया है कि सरकार हमारे लिए है। मैं चाहती हूं कि बचपन में जो सिखाया गया है, वो भरोसा सरकार न तोड़े। मेरे भाई को सही सलामत वापस लेकर आए।
पिता बोले- अपने हाथों से लगाया था बैग, उसे ड्रग फंसाया गया है
पिता वासुदेव मिश्रा ने कहा, 11 अक्टूबर को जब नितिन गया था तो उसके बैग में एक-एक सामान अपने हाथों से लगाया था। दुबई पहुंचने तक नितिन से बात होती रही। 12 अक्टूबर को अल्बानिया पहुंचने के बाद मोबाइल बंद बताने लगा। मुझे लगा कि नेटवर्क प्रॉब्लम होगी, इसलिए बात नहीं पा रही है। 18 अक्टूबर को मुंबई पहुंचने वाला था, लेकिन नहीं पहुंचा। उसके दोस्तों के पास कॉल किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला। 22 अक्टूबर को महज 30 सेकेंड बात हुई। वो बस यही कहता रहा कि पापा मैंने कुछ नहीं किया।
पिता वासुदेव मिश्रा ने कहा, कारोबार की शुरुआत के लिए पहली बार कोई कदम उठा रहा था। कई महीनों से रिसर्च कर सैंपल एकत्रित किया था। उन सैंपल को लेकर गया था। मुझे पता नहीं था कि वहां पर ये सब हो जाएगा। मेरे पास इतना पैसा भी नहीं है कि केस लड़ सकूं। सरकार से मदद चाहिए।