सीएम योगी ने रविवार को लोक भवन में सभी 75 जिलों के चयनित 1354 स्टाफ नर्स को नियुक्त पत्र दिया। नियुक्त पत्र मिलने के बाद अलीगढ़ की रहने वाली अस्मा ऊरुज ने कहा, सीएम के हाथों से नियुक्ति पत्र मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। सीएम ने नियुक्ति पत्र देते हुए मुझसे क्वालिफिकेशन के पूछा। उन्होंने कहा कि आप मुस्लिम हैं और भी मुस्लिम बच्चों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करिएगा। आजमगढ़ की रहने वाली आरती सिंह ने कहा, मुझे सीएम योगी ने नियुक्ति पत्र दिया, हम बहुत खुश है, आगे जो भी जिम्मेदारियां मिलेंगी उसे अच्छे से निभाएंगे।
नर्सें चिकित्सा की रीढ़ हैं
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा, नर्सें चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ होती हैं। अस्पताल में मरीज के साथ सबसे ज्यादा समय नर्स बिताती हैं। सिर्फ दवाएं ही नहीं, नर्सों का व्यवहार भी मरीज की बीमारी को दूर करता है। नर्सों का व्यवहार ऐसा होना चाहिए कि मरीज अपनी बीमारी को भूल जाए। इससे अस्पताल के माहौल को भी सकारात्मक बनाने में मदद मिलती है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि स्वास्थ के क्षेत्र में बिना स्टाफ नर्स के कुछ भी संभव नहीं है। जल्द ही 10 हजार एएनएम पदों पर भर्ती की जाएगी।
सीएम योगी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले पांच सालों में 5 लाख शासकीय सेवा में नियुक्ति पत्र दिए। जो प्रदेश पहले देश के अंदर एक बीमारू राज्य माना जाता था। वह अब देश की दूसरी अर्थव्यवस्था और खुद को स्थापित करने की दिशा में है। कोरोना काल में दूसरे राज्यों में पंजाब, राजस्थान, दिल्ली से यूपी में श्रमिक आए थे। सरकार ने 40 लाख लोगों को रोजगार दिया। केन्द्र और प्रदेष सरकार दोनों ने मिलकर एक करोड़ 61 लाख़ रोजगार दिए।
मिशन रोजगार के तहत इतनी नियुक्तियां कभी नही हुई बेसिक, माध्यमिक, स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी तरह से संपन्न हुई। यूपी में कोरोना काल में स्वास्थ के क्षेत्र में प्रगति हुई। कोरोना के प्रबंधन को के मॉडल को पूरे देश ने अपनाया है।
कोरोना महामारी में स्वास्थकर्मी, आंगनबाड़ी और आशा वर्करों ने ऐतिहासिक कार्य किया है। स्टॉफ नर्सेज को उत्तम प्रशिक्षण के लिए हर मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग प्रशिक्षण कॉलेज स्थापित कर रहे हैं। उत्तम प्रशिक्षण अगर हो जाए तो नौकरी की कमी नहीं है।
मातृ मृत्यु दर में आई कमी
10 हजार एएनएम पदों पर होगी भर्ती
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा कि स्टाफ नर्स के बिना स्वास्थ के क्षेत्र में कुछ भी संभव नहीं है। सीनियर डॉक्टर आते है और मरीज को देखकर सोने चले जाते हैं। सभी जिम्मेदारी स्टाफ नर्स के ऊपर छोड़कर चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार किसी भी तरह की मेरिट में हेरा फेरी नहीं हुई है। जल्द ही यूपी में 10 हजार एएनएम पदों पर भर्ती की जाएगी।
प्रदेश सरकार में इंसेफलाइटिस से 2017 से पहले हजारों मौतें होती थी। आज प्रदेश में इंसेफलाइटिस से 95 प्रतिशत मौतें कम हुई और इस बीमारी को नियंत्रित किया गया। जिसकी रिपोर्ट बंगलौर की एक संस्था ने दी है।