राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा कुछ दिनों बाद ही आने वाली है लेकिन पार्टी के भीतर नेताओं की गुटबाजी कम होने के बजाय तेजी से बढ़ रही है। यात्रा के दौरान हंगामा, बयानबाजी या राजनीतिक संकट की अनहोनी को लेकर अब सरकार, पार्टी और कांग्रेस आलाकमान तक चिंता छाई हुई है। इसी बीच कांग्रेस के सभी विधायकों, पदाधिकारियों और बोर्ड-निगमों के अध्यक्षों को सख्त हिदायत की घुट्टी पिलाई गई है।
यह घुट्टी आलाकमान के नाम पर राहुल की यात्रा के समन्वयक विभाकर शास्त्री ने शुक्रवार को सीएम हाउस में बुलाई गई एक महत्वपूर्ण बैठक में पिलाई। बैठक में सीएम अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कांग्रेस के लगभग सभी विधायक, संगठन पदाधिकारी और बोर्ड-निगमों के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष उपस्थित थे। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट बैठक में मौजूद नहीं थे।
बैठक में विभाकर शास्त्री ने सभी को सख्त स्वर में कहा कि राजस्थान में जो भी माहौल बना हुआ है, उसका असर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर नहीं पड़ना चाहिए। शास्त्री ने कहा- अगर कोई आपसी झगड़े हैं, तो भी उनका असर यात्रा पर नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर जा रही इस यात्रा के मार्ग में राजस्थान ही ऐसा प्रदेश है, जहां कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस के तमाम नेताओं को यह तय करना चाहिए कि अन्य राज्यों की तुलना में यहां यात्रा सबसे ज्यादा प्रभावशाली रहे।
शास्त्री ने आखिर में सभी को चेताते हुए कहा कि यात्रा के दौरान अनर्गल बयानबाजी करने वाले या कोई और राजनीतिक संकट खड़ा करने वालों से पार्टी हाईकमान के स्तर पर बहुत सख्ती के साथ निपटा जाएगा।
शास्त्री की शिक्षा ने दिखाया असर
शास्त्री की शिक्षा ने असर भी दिखाया। बैठक के बाद सभी कांग्रेसजन इस बात को लेकर अनुशासित दिखे कि राहुल की यात्रा के दौरान सूबे में कहीं कोई राजनीतिक बवाल ना हो जाए। राजस्थान में आरक्षण, बेरोजगारी, इस्तीफा पॉलिटिक्स सहित पहले से ही चल रही राजनीतिक अस्थिरता के बीच यात्रा के सामने हालांकि चुनौतियां बनी रहेंगी।
पायलट 19 को राहुल से महाराष्ट्र में करेंगे मुलाकात और यात्रा में झालावाड़ से ही होंगे शामिल
कांग्रेस पार्टी और सरकार इस यात्रा के दौरान जनता के बीच लगातार यह संदेश भी देना चाहेगी कि वो पूर्णत: एकजुट है और सरकार या पार्टी में कहीं कोई गुटबाजी या स्थिरता का माहौल नहीं है। शुक्रवार को सीएम निवास पर हुई बैठक में हालांकि सचिन पायलट शामिल नहीं हुए, लेकिन वे शनिवार को महाराष्ट्र में राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होंगे और उनसे मुलाकात करेंगे। राजस्थान जब यात्रा झालावाड़ जिले से प्रवेश करेगी, तब पायलट भी वहीं मौजूद रहेंगे।
सीएम गहलोत खुद यात्रा का स्वागत करेंगे। हाल ही सीएम गहलोत को ओबीसी आरक्षण विवाद में घेरने वाले पंजाब के प्रभारी व विधायक हरीश चौधरी भी वहीं से यात्रा में शामिल हो सकते हैं। पूर्व में सीएम गहलोत, पायलट और चौधरी दो-दो बार राहुल के साथ तैलंगाना और केरल में शामिल हो चुके हैं। हाल ही महाराष्ट्र में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा भी यात्रा में शामिल हुए थे।
झालावाड़-बारां, कोटा-बूंदी का हाड़ौती क्षेत्र गुर्जर बहुल माना जाता है। इसके बाद सवाईमाधोपुर, दौसा अलवर भी ऐसे ही क्षेत्र हैं। यह राजस्थान का पूर्वी और दक्षिण पूर्वी क्षेत्र है। इसी पूर्वी क्षेत्र में टोंक से सचिन पायलट विधायक हैं। क्षेत्र की सभी गुर्जर बहुल सीटों पर उनका खासा प्रभाव माना जाता है। कांग्रेस पार्टी और सरकार इस यात्रा के दौरान जनता के बीच लगातार यह संदेश भी देना चाहेगी कि वो पूर्णत: एकजुट है और सरकार या पार्टी में कहीं कोई गुटबाजी या स्थिरता का माहौल नहीं है। इसके लिए यात्रा में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी शामिल होंगे।
युवा छात्रों से करवाई जाएगी राहुल की मुलाकात
राहुल की यात्रा के दौरान कांग्रेस पार्टी विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं से भी उनकी मुलाकात करवाएगी। इसके लिए जल्द ही एनएसयूआई के प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। राहुल की युवाओं के बीच खासी लोकप्रियता है। ऐसे में पार्टी चाहती है कि राहुल को युवाओं से फीडबैक भी मिले और युवाओं के बीच उनका संदेश भी जाए।