गहलोत और पायलट पहली बार उपचुनाव नामांकन में साथ नहीं

गहलोत और पायलट पहली बार उपचुनाव नामांकन में साथ नहीं

अजय माकन के इस्तीफे के बाद राजस्थान कांग्रेस में गुटबाजी और तेज होती दिख रही है। गुरुवार को सरदारशहर उपचुनाव में कांग्रेस में बड़े नेताओं की खींचतान साफ दिखी। कांग्रेस उम्मीदवार अनिल शर्मा की नामांकन सभा में सीएम अशोक गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ सचिन पायलट नहीं थे। पिछले दो उपचुनावों में यह पहला मौका है जब सचिन पायलट को साथ नहीं लिया गया। पायलट को आजसाथ नहीं लेने पर सियासी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।

उधर, इस्तीफे की चिट्ठी के बाद भी सरदारशहर उपचुनाव में कांग्रेस ने माकन को स्टार प्रचारक बनाया है। जबकि नोटिस वाले तीनाें नेताओं को बाहर रखा गया हैं।

उपचुनावों की नामांकन सभाओं में एकजुटता दिखाने के लिए गहलोत, सचिन पायलट साथ-साथ जाते रहे हैं। इस बार पायलट को साथ लेकर यह मैसेज देने की औपचारिकता भी नहीं की गई। इसे तल्खी और बढ़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। अजय माकन के इस्तीफे और गहलोत गुट के तीन नेताओं के खिलाफ एक्शन नहीं होने पर अब कांग्रेस में इसका असर दिख रहा है।

सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच पिछले लंबे समय से खींचतान जारी है। दोनों नेताओं ने पिछले लंबे अरसे से मंच साझा नहीं किया है। 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों के विधायक दल की बैठक के बहिष्कार करने के बाद से गहलोत-पायलट के बीच दूरियां और बढ़ गई हैं। सचिन पायलट का सरदारशहर की नामांकन सभा में गहलोत के साथ नहीं होना इसी खींचतान का कारण माना जा रहा है।

पहले उपचुनावों में माकन पायलट को साथ ले गए, अब खुद राजस्थान से दूर हो गए

अब तक के उपचुनावों में प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी नामांकन सभाओं में गहलोत के साथ जाते रहे हैं। पिछले साल अप्रैल में सुजानगढ़, सहाड़ा और राजसमंद के उपचुनावों की नामांकन सभाओं में माकन , गहलोत, पायलट और डोटासरा एक ही हेलिकॉप्टर से गए थे। पिछले साल अक्टूबर में वल्लभनगर और धरियावद के उपचुनावों की नामांकन और चुनावी सभाओं में पायलट को साथ रखा था। दोनों बार प्रभारी अजय माकन और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पायलट के साथ एक ही हेलिकॉप्टर से चुनावी सभाओं के लिए रवाना होने के फोटो सोशल मीडिया पर डाले थे।

अजय माकन सरदारशहर उपचुनाव में स्टार प्रचारक,नोटिस वाले तीनों नेता बाहर

अजय माकन के इस्तीफे की चिट्ठी के बाद भी सरदारशहर उपचुनाव में कांग्रेस ने उन्हें स्टार प्रचारक बनाया है। माकन का नाम 40 स्टार प्रचारकों में दूसरे नंबर पर हैं। माकन के राजस्थान प्रभारी करा काम छोड़ने की पेशकश के बावजूद उन्हें स्टार प्रचारक रखा है। उधर नोटिस वाले तीनों नेताओं यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी ओर आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ में से किसी को भी स्टार प्रचारकों में जगह नहीं दी गई है। अब तक ये नेता उपचुनावों में स्टार प्रचारक रहते आए हैं। माना जा रहा है कि तीनों नेताओं के खिलाफ अनुशासन हीनता की कार्रवाई पेंडिंग होने से इन्हें स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया है।

भंवरलाल शर्मा पायलट कैंप की बाड़ेबंदी में रहे थे

सरदारशहर से विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद हो रहे उपचुनाव में उनके बेटे अनिल शर्मा को कांग्रेस ने टिकट दिया है। जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय भंवरलाल शर्मा गहलोत के खिलाफ थे। शर्मा पूरे समय मानेसर में पायलट कैंप के साथ रहे थे। बाद में जब सुलह हो गई तो सबसे पहले सीएम अशोक गहलोत से मिले थे। बाद में भंवरलाल शर्मा का झुकाव गहलोत की तरफ हो गया था।

पायलट ने तीन दिन पहले ही सरकार को निशाने पर लिया था

तीन दिन पहले सचिन पायलट ने बेरोजगारों से किए वादों को पूरा नहीं करने को लेकर सरकार को नसीहत दी थी। पायलट ने कहा था कि सरकार ने जो जो भर्तियों की घोषणा की है, उसको कारगर रूप देना चाहिए। भर्तियां होनी चाहिए। क्योंकि घोषणाओं के बाद लोगों की उम्मीद बढ़ जाती हैं। युवाओं को लगता है कि इससे उनका भविष्य बेहतर होगा। सरकार की घोषणाएं धरातल पर उतरें यह बहुत जरूरी है। सरकार घोषणा करती है तो पूरी तरह पालन भी होनी चाहिए। पायलट ने इस बयान के जरिए सरकार की बेरोजगारों को रोजगार देने की स्पीड पर सवाल उइाए थे। संविदाकर्मियों को नियमित करने के पैटर्न को भी गलत बताते हुए पायलट सवाल उठा चुके हैं।

पायलट गहलोत पर तंज कस चुके

सचिन पायलट पिछले दिनों सियासी बवाल के जिम्मेदार तीनों नेताओं के खिलाफ एक्शन की मांग कर चुके हैं। पायलट ने मानगढ़ धाम की सभा में पीएम मोदी के गहलोत को सबसे सीनियर बताने ओर तारीफ करने पर तंज कसते हुए कहा था कि गुलामनबी आजाद की भी इसी तरह तारीफ की थी, आगे क्या हुआ सब जानते हैं।

नामांकन सभा में गहलोत बोले- सरदारशहर का नहीं पूरे राजस्थान का चुनाव

सरदारशहर में कांग्रेस उम्मीदवार अनिल शर्मा की गुरुवार को नामांकन सभा में सीएम अशोक गहलोत ने जनता से कांग्रेस को उपचुनाव जितवाने की अपील की। गहलोत ने कहा कि यह चुनाव सरदारशहर का नहीं, पूरे राजस्थान का है। इस चुनाव का पूरे राजस्थान में मैसेज जाएगा। पिछले चार साल में आठ जगह उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से छह कांग्रेस जीती है, बीजेपी केवल एक जगह जीती है। बीजेपी का राजस्थान में चाल, चरित्र ओर चेहरा सामने आ चुका है।

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राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने की तारीख नजदीक आने के साथ कांग्रेस की गुटबाजी फिर सामने आने लगी है। सचिन पायलट कैंप के विधायक अब नए सीएम पर फैसला और उन तीन नेताओं पर कार्रवाई की खुलकर बात करने लगे हैं, जिन्हें नोटिस दिया गया था। इस बीच अजय माकन के इस्तीफे पर भी जंग छिड़ गई है। सचिन समर्थक नेता उनका इस्तीफा मंजूर नहीं करने की मांग कर रहे हैं

गहलोत के दो तीर- एक निशाने पर लगा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- बचपन से ही मैं अंग्रेजी के खिलाफ था। स्कूल टाइम पर सोचते थे कि अंग्रेजी और संस्कृत हमारे क्या काम आएगी और चप्पल खाते थे। उस वक्त दक्षिण के अलावा सभी हिंदी राज्यों में अंग्रेजी का विरोध था।

माकन का राजस्थान प्रभारी पद से इस्तीफा:सियासी बवाल के जिम्मेदार नेताओं पर एक्शन नहीं होने से आहत होकर लिखी चिट्ठी

अजय माकन ने राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ दिया है। माकन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 8 नवंबर को चिट्ठी लिखकर अब राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम करने से मना कर दिया है। साथ ही, दूसरा प्रभारी ढूंढने की अपील की है। इस चिट्ठी के बाद अब माना जा रहा है कि माकन राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम नहीं करेंगे


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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

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