मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर भाजपा की उम्मीदवार राजकुमारी सैनी ने परिणाम से पहले ही अपने आपको नई भूमिका के लिए तैयार कर लिया है। गुरुवार को नामांकन के बाद उन्होंने कहा कि वह घर चलाती आ रही हैं। 5 साल गांव की प्रधानी भी संभाली। अब वह क्षेत्र की जनता की सेवा करेंगी।
विश्वास है जनता के भरोसे पर खरा उतरूंगी: राजकुमारी
खतौली के निवर्तमान विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द होने के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी राजकुमारी सैनी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। 5 दिसंबर को खतौली विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है। गुरुवार को राजकुमारी सैनी केन्द्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान के साथ नामांकन के लिए पहुंची। नामांकन के बाद उन्होंने कहा कि जनता ने उनके पति पर 2 बार विश्वास जताया। पार्टी ने खतौली सीट पर उन्हें चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। उन्हें विश्वास है कि वह जनता के भरोसे पर खरा उतरेंगी।
घर और पशुओं को संभाला, नई भूमिका के लिए तैयार
राजकुमारी सैनी कहती है कि परिस्थिति कैसी भी रही हो। प्रत्येक हालात में घर को सलीके से संभाला। परिवार के हर सदस्य से लेकर पशुओं की देखभाल का भी जिम्मा उठाया। बोली, 2005 से 2010 तक गांव की प्रधानी संभाली। इसलिए लोगों के दुख दर्द को बेहतर तरीके से समझती हूं।
2013 में दंगा हुआ तो पति को सपा सरकार के इशारे पर जेल में डाल दिया गया। रासुका में निरुद्ध किया गया तो परिवार ने एक नई विपत्ति का डटकर सामना किया। पति के जेल में रहने के दौरान बच्चों को संभाला। सरकार के इशारे पर पति को रातों रात हमीरपुर जेल शिफ्ट कर दिया। सुबह जेल में मिलने गए तभी पता चला कि उनकी शिफ्टिंग हो चुकी है।
पति ने जनता की सेवा की, अब वह भी करेंगी
राजकुमारी सैनी ने कहा कि उनके पति को खतौली की जनता दो बार जिताकर विधानसभा भेजा। उन्होंने जनता की सेवा की। पार्टी ने उन पर विश्वास जताया है, जनता के आशीर्वाद से वह उस पर खरा उतरेंगी। राजकुमारी सैनी कहती है कि पति को देखकर वह भी राजनीति का क, ख जान चुकी है। कहती हैं कि उनका मानना है कि राजनीति कोई नीति नहीं, बल्कि विशुद्ध जनता की सेवा है।
पशुओं का चारा करने से शुरू होती है दिनचर्या
राजकुमारी सैनी बताती है कि घर संभालना राजनीति से मुश्किल काम है। कहती हैं कि घर में बंधे पशुओं की देखभाल भी पारिवारिक सदस्यों की तरह ही करनी पड़ती है। सुबह पशुओं का चारा करने के साथ ही दिनचर्या की शुरुआत होती है।
पशुओं का चारा कर परिवार के लोगों के लिए नाश्ता तैयार करना। उसके बाद दूसरे काम और फिर दिन का खाना। लेकिन उससे पहले कभी कभी कपड़े धोना और गांव की महिलाओं के सामने आ रही समस्याओं का समाधान भी दिनचर्या का हिस्सा रहता है।
दंगे के दौरान बच्चों को संभाला, जनता की सेवा भी की
निवर्तमान विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी दंगे को याद कर थोड़ा भावुक हो जाती हैं। कहती हैं कि उनका परिवार सामाजिक परिवार है। पति सालों से लोगों की सेवा करते आ रहे हैं।
इसलिए ही जनता ने उन्हें जिला पंचायत सदस्य और विधायकी में भी कई बार जितवाया। बताया कि 2013 दंगे के दौरान पति एक वर्ष तक जेल में रहे। इस दौरान उन्होंने बच्चों को हिम्मत से संभाला और बाहर का काम भी देखा। पति को हमीरपुर जेल शिफ्ट किया गया तो भी वह हिम्मत नही हारी।