New Delhi: हाथ में नहीं मिल रहे थे नस, तो मौत की सज़ा देने में हुई 40 मिनट की देरी

New Delhi: हाथ में नहीं मिल रहे थे नस, तो मौत की सज़ा देने में हुई 40 मिनट की देरी

टेक्सास: अमेरिका में बुधवार को एक हत्यारे को मौत की सज़ा दी गई. लेकिन सज़ा की प्रक्रिया तय समय तक पूरी नहीं हो पााई. दरअसल स्टीफन बार्बी नाम के जिस हत्यारे को मौत की सज़ा दी जानी थी उसके हाथों और गले के नस नहीं मिल रहे थे. इन नसों में जहरीले इंजेक्शन लगाए जाने थे. लिहाज़ा मौत की सज़ा पूरी होनी में 40 मिनट की देरी हो गई. बता दें कि साल 2005 में 55 वर्षीय स्टीफन बार्बी ने अपनी प्रेगनेंट गर्लफ्रेंड और 7 साल के बेटे की हत्या कर दी थी.

ब्रिटिश अखबार डेली मेल के मुताबिक स्टीफन के हाथ और गले के नस इसलिए आसानी से नहीं मिल रहे थे क्योंकि वो विकलांग था. यानी वो अपनी बाहों का ठीक से नहीं फैला सकता था. आखिरकार उन्हें शाम 7.09 बजे घातक इंजेक्शन की खुराक दी गई और शाम 7.35 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया. बार्बी के वकीलों ने असहनीय दर्द और पीड़ा के कारण फांसी पर रोक लगाने का आह्वान किया था, जिसे वो कैदी की बाहों को फैलाकर सामान्य तरीके से झेल सकता था. लेकिन टेक्सास अटॉर्नी जनरल ने इसे अस्वीकार कर दिया.

घातक इंजेक्शन का इस्तेमाल

घातक इंजेक्शन में पेंट्रोबार्बिटल होता है, जिसे छोटी खुराक के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन बड़ी डोज़ से लोगों की मौत हो जाती है. बार्बी टेक्सास में इस साल मौत की सजा पाने वाले पांचवें कैदी थे. अब तक, 2022 में पूरे अमेरिका में बार्बी सहित 15 लोगों को घातक इंजेक्शन देकर मार दिया गया है. इस साल अमेरिका द्वारा दी गई फांसी की कुल संख्या पिछले साल के मुकाबले 4 ज्यादा है.

पिछले भी मौत की सज़ा

पिछले हफ्ते भी अमेरिका में एक शख्स को मौत की सज़ा दी गई थी. 61 साल के ट्रेसी बीटी नाम के इस शख्स ने करीब 20 साल पहले अपनी मां की हत्या कर दी थी. और फिर डेडबॉडी को गार्डन में दफना दिया था.


 cspzzs
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *