राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने की तारीख नजदीक आने के साथ कांग्रेस की गुटबाजी फिर सामने आने लगी है। सचिन पायलट कैंप के विधायक अब नए सीएम पर फैसला और उन तीन नेताओं पर कार्रवाई की खुलकर बात करने लगे हैं, जिन्हें नोटिस दिया गया था। इस बीच अजय माकन के इस्तीफे पर भी जंग छिड़ गई है। सचिन समर्थक नेता उनका इस्तीफा मंजूर नहीं करने की मांग कर रहे हैं।
बुधवार को पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने सीएम अशोक गहलोत खेमे पर निशाना साधा। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में आने से पहले ही विधायक दल की बैठक बुलाकर नए नेता का चयन करने और नोटिस वाले तीनों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
बैरवा ने कहा- एक साल का राज बचा है, फिर से राज में आना है तो सब जल्दी फैसले करने होंगे। जो कुछ करना है वह एक साल में ही करना होगा। जिन्हें बदलना है, वह काम राहुल गांधी की यात्रा से पहले ही कर देना चाहिए। जिन्हें चेंज करना है, उन्हें तत्काल कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि- राहुल की यात्रा गेम चेंजर है।
आज यही दुख है कि प्रभारी महासचिव को यह कहना पड़ा कि 51 दिन हो गए, कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, विधायक दिव्या मदेरणा ने कहा विरोधी कैंप ऐसा महासचिव चाहता है जो उनकी ब्लैकमेलिंग के आगे सरेंडर हो जाए।
विधायक दल की बैठक तुरंत बुलाएं
बैरवा ने कहा-विधायक दल की बैठक तुरंत बुलानी चाहिए, यह बहुत जरूरी है। राहुल गांधी की यात्रा से पहले सभी विधायकों का मन टटोलना चाहिए। मन में पता नही क्या क्या टीस है? प्रदेश में इतनी बड़ी पैंडेंसी पड़ी है, क्या इसे ठीक नहीं करना चाहिए? यात्रा से पहले सब ठीक होना चाहिए।
कार्यकर्ताओं का असमंजस दूर करें, बदलाव होगा
बैरवा ने कहा- यही तो रोना है कि विधायक दल की बैठक होनी थी, अब पहले उस बैठक के क्या नतीजे निकले वह सबके सामने हैं , वह पेंडेंसी पड़ी है। वह बैठक दोबारा नहीं हुई। आम कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति है, क्या वह असमंजस मिटाना नहीं चाहिए? वह असमंजस तभी मिटेगा, जब आलाकमान नए सिरे से विधायक दल की बैठक बुलाकर विधायकों की पीड़ा पूछे और फिर फैसला करें। बदलाव होगा और अगली सरकार भी आएगी, पहले 21 रह चुके हैं, इसलिए आंकड़ा घटता हुआ आता है।
कांग्रेस का मजाक बन रहा है
बैरवा ने कहा- कुछ विधायकों ने 25 सितंबर को इस्तीफे दिए थे, आज तक यह तय नहीं है कि कितने विधायकों ने इस्तीफे दिए थे। बीजेपी के नेता इस मुद्दे को लेकर कभी राजभवन का मार्च कर रहे हैं, इससे कांग्रेस का मजाक बन रहा है। समझ नहीं आता ऐसे क्यों किया जा रहा है?
माकन के पद छोड़ने से आम कांग्रेसियों को धक्का लगा
बैरवा ने कहा- अजय माकन के पद छोड़ने से आम कांग्रेसियों को धक्का लगा है। हमारे प्रभारी महासचिव को यह कहना पड़े कि 25 सितंबर को 51 दिन हो गए और कार्रवाई नहीं हुई। 25 सितंबर को जो हुआ वो आज के अध्यक्ष के सामने हुआ।
उस दिन क्या ड्रामा हुआ, हम तीन घंटे तक सीएम हाउस पर बैठक के लिए इंतजार करते रहे। आलाकमान ने माना कि तीन लोग जिम्मेदार थे, उन तीनों के खिलाफ 51 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं होना गंभीर बात है। राहुल गांधी की यात्रा से पहले जो भी बदलाव करने हैं वह कर लेने चाहिए।
बैरवा ने कहा- विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में उस समय तीन नेताओं को दोषी माना था। उनके खिलाफ अब तक कार्रवाई नहीं हुई, तीनों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
दिव्या का ट्वीट- इस्तीफा स्वीकार न करें खड़गे, बागी गुट को सरेंडर
ओसियां (जोधपुर) विधायक दिव्या मदेरणा ने भी माकन का समर्थन करते हुए गहलोत कैंप को निशाने पर लिया है। दिव्या ने कई ट्वीट करके माकन का समर्थन करते हुए गहलोत गुट पर हमला बोला। दिव्या ने लिखा-खड़गे जी को अजय माकन का इस्तीफा स्वीकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि बागी गुट यही चाहता है। बागी गुट ऐसा प्रभारी महासचिव चाहता है जो उनकी ब्लैकमेलिंग के आगे घुटने टेक दे और जो गांधी परिवार के नजदीकी, केवल कांग्रेस के हित में काम करने वाला नहीं हो।
मदेरणा ने अजय माकन के इस्तीफे को लेकर गहलोत गुट पर सवाल उठाते हुए लिखा- अजय माकन का इस्तीफा देना बहुत दुखद है, लेकिन इस्तीफे तो दूसरी तरफ से होने चाहिए थे। जिन बागियों को अनुशासनहीनता के मामले मेंं नोटिस दिए गए थे, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। माकन की जगह इस्तीफे तो नोटिस वाले नेताओं के होने चाहिए।
एक स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए ऐसे हालात में पद छोड़ने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचता ओर माकन ने वही किया।
दिव्या ने धर्मेंद्र राठौड़ को भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारी देने पर सवाल उठाते हुए लिखा- भारत जोड़ो यात्रा जैसी अहम जिम्मेदारी एक बागी अनुशासनहीन नेता को क्यों दी गई जो खुद छंटनी के दायरे में है। हम बहुत गलत मैसेज दे रहे हैं जो साफ है कि आप कुछ भी कर सकते हैं और बचे भी रह सकते हैं।
वेद सोलंकी बोले- तीनों नेताओं के खिलाफ तत्काल एक्शन लें
सचिन पायलट खेमे के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने भी विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के जिम्मेदार तीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने का मुद्दा उठाया है। सोलंकी ने कहा कि 25 सितंबर को जो कुछ हुआ वह मौजूदा अध्यक्ष और प्रभारी के सामने हुआ।
उस दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में वे सब विधायक मौजूद थे जिनके परिवारों ने कांग्रेस को सींचा है। कुछ नेता विधायकों को धोखे में रखकर पैरेलल बैठक में ले गए थे। तीन नेताओं को नोटिस दिए दो महीने होने को आए हैं, अब कार्रवाई होनी चाहिए।
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अजय माकन ने राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी का पद छोड़ दिया है। माकन ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 8 नवंबर को चिट्ठी लिखकर राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम करने से मना कर दिया है। साथ ही, दूसरा प्रभारी ढूंढने की अपील की है। इस चिट्ठी के बाद अब माना जा रहा है कि माकन राजस्थान प्रभारी के तौर पर काम नहीं करेंगे