ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने सहित तीन मांगों को लेकर भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के मुकदमे की सुनवाई आज वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। अदालत अपने आदेश से तय करेगी कि मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं है। इससे पहले इस मुकदमे के संबंध में बीती 14 नवंबर को कोर्ट का ऑर्डर आना था। मगर, कोर्ट ने 17 नवंबर की अगली डेट फिक्स करते हुए कहा था कि ऑर्डर तैयार कराने में समय लग रहा है।
यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य की ओर से दाखिल किया गया है। कोर्ट में हिंदू और मुस्लिम पक्ष अपनी बहस पूरी कर उसकी लिखित प्रति दाखिल कर चुके हैं।
किरन सिंह विसेन और अन्य की 3 मांग
ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो।
ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंप दिया जाए।
ज्ञानवापी परिसर में मिले ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ करने दिया जाए।
मुकदमे में 5 प्रतिवादी हैं
जितेंद्र सिंह विसेन के अनुसार इस मुकदमे में UP सरकार, वाराणसी के डीएम व पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है।
6 मुकदमे खत्म कराने को रची गई साजिश
विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन का कहना है कि उनकी देखरेख में ज्ञानवापी से संबंधित 6 मुकदमे लड़े जा रहे हैं। उन्हें आशंका है कि कुछ लोगों की साजिश से सभी उनकी देखरेख वाले सभी मुकदमे खत्म हो जाएंगे। काशीवासियों को सावधान होने की जरूरत है। ज्ञानवापी को बेचने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। यदि साजिश को अभी काशी के लोग नहीं समझ पाएंगे तो आगे कभी नहीं समझ पाएंगे।