वेतन विसंगतियों और पावर कॉर्पोरेशन के तानाशाही रवैये के खिलाफ इंजीनियरों का धरना शुरू हो गया है। शक्ति भवन पर 500 से ज्यादा इंजीनियर और कर्मचारी धरना शुरू कर चुके हैं। इंजीनियरों का कहना है कि समस्त ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने की नोटिस पहले ही अपर मुख्य सचिव(ऊर्जा) को भी भेज दी गई है। इंजीनियरों ने बताया कि बार - बार वार्ता के बाद भी उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कार्रवाई न होने की वजह से नोटिस जारी किया है।इसमें साफ कर दिया गया है कि किसी भी स्थिति में कर्मचारी समझौता करना नहीं चाहते है। उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और बड़ा होगा।
29 नवंबर को होगा कार्य बहिष्कार
संजीव वर्मा ने बताया कि इंजीनियरों की मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया तो 29 नवंबर से कार्य बहिष्कार शुरू किया जाएगा। समस्त ऊर्जा निगमों में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करने की नोटिस अपर मुख्य सचिव(ऊर्जा) को भी भेज दी गई है।
इंजीनियरों ने बताया कि बार - बार वार्ता के बाद भी उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कार्रवाई न होने की वजह से नोटिस जारी किया है।इसमें साफ कर दिया गया है कि किसी भी स्थिति में कर्मचारी समझौता करना नहीं चाहते है। उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन और बड़ा होगा।
29 से पहले ऐसे होगा आंदोल
21 नवम्बर 2022 को राजधानी लखनऊ सहित समस्त जनपदों व परियोजनाओं पर दोपहर 03 बजे से 5 बजे तक विरोध सभा।
22 नवम्बर 2022 से नियमानुसार कार्य आन्दोलन शुरू होगा। इसमें माननीय जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
28 नवम्बर शाम पांच बजे मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाला जाएगा।
प्रमुख मांग
9 वर्ष, कुल 14 वर्ष एवं कुल 19 वर्ष की सेवा के बाद तीन प्रमोशन वेतनमान दिया जाए।
निर्धारित चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत चेयरमैन, प्रबन्ध निदेशकों व निदेशकों के पदों पर चयन किया जाए
सभी बिजली कर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा प्रदान की जाए
ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के निजीकरण के आदेश वापस लिए जाए
765/400/220 केवी विद्युत उपकेन्द्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से चलाने का निर्णय रद्द किया जाए
पारेषण में जारी निजीकरण प्रक्रिया निरस्त की जाए
आगरा फ्रेंचाईजी व ग्रेटर नोएडा का निजीकरण रद्द किया जाए
ऊर्जा कर्मियों की सुरक्षा के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए
तेलंगाना, पंजाब, दिल्ली व उड़ीसा सरकार के आदेश की भांति ऊर्जा निगमों के समस्त संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए
बिजली कर्मियों को कई वर्षों से लम्बित बोनस का भुगतान किया जाए
भ्रष्टाचार एवं फिजूलखर्ची रोकने हेतु लगभग 25 हजार करोड़ के मीटर खरीद के आदेश रद्द किए जाए व कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाए