यूपी के PWD मंत्री जितिन प्रसाद अचानक से लखनऊ के एक व्यस्त चौराहे पर पहुंच गए। पहुंचते ही गुस्से से लाल हो गए। तमाम अफसरों को बुलाया और फटकार लगाई। दरअसल, इन दिनों यूपी में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चल रहा है। चौराहे पर मंत्री जी को सड़क मरम्मत के काम में गड़बड़ी भी दिखाई दी थी।
इसके ठीक 11 दिन बाद यानी 30 अक्टूबर को मंत्री जी हरदोई पहुंच गए। कई सड़कों का निरीक्षण किया। गड्ढे भरने वाली सामग्री घटिया मिली तो अधिकारियों को बीच सड़क पर डांटा। लापरवाही बरतने वाले जेई व ठेकेदारों के खिलाफ नोटिस जारी करने के आदेश दे दिए।
यूपी गड्ढा मुक्त अभियान की डेडलाइन 15 नवंबर 2022 थी। प्रशासन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में गड्ढा मुक्ति का अभियान प्रभावित हुआ है। हमने टारगेट पूरा करने की डेट बढ़ा कर 30 नवंबर कर दी है। राजधानी लखनऊ से हरदोई जिले की ओर उसी रास्ते से निकली जिस रास्ते से मंत्री जी गए थे। 107 किमी. की गड्ढों भरी सड़क देखकर साफ नजर आया कि मंत्री जी की छापेमारी कोई असर नहीं दिखा पा रही है।
लखनऊ-पलिया नेशनल हाईवे 731: रोजाना 50 हजार लोगों की आवाजाही
लखनऊ के दुबग्गा चौराहे से आगे बढ़ते ही आपको हरदोई तक सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई देंगे। दुबग्गा से लेकर मलिहाबाद तक का रास्ता सबसे ज्यादा खराब है। इस बीच आपको हर दूसरे कदम पर गड्ढा मिल जाएगा।
हाईवे के आस-पास रहने वाले लोगों से पूछने पर पता चला कि इस सड़क पर हर दिन 50 हजार से ज्यादा लोगों की आवाजाही है। ये सड़क लखनऊ से हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर और मुरादाबाद जिलों से होते हुए दिल्ली तक पहुंचती है।
गोलाकुआं के लोगों ने कहा- गड्ढे की वजह से बस पलट गई
लखनऊ के मलिहाबाद थाना से 5 किमी पहले हाई-वे पर बसे गांव गोला कुआं के लोग हाईवे के गड्ढों से परेशान हैं। गांव के सुभाष चंद्र मौर्य ने कहा, गड्ढों की वजह से हाईवे पर आए दिन हादसे होते हैं। कल ही मलिहाबाद के पास एक बस पलट गई थी। दर्जन भर लोग घायल हुए।
राधेश्याम ने कहा, गड्ढों की वजह से इस सड़क पर चलना मुश्किल है। आए दिन एक्सीडेंट होते हैं। 15 दिन पहले मलिहाबाद की एक लड़की गड्ढे में गिरने की वजह से खत्म हो गई।
हाईवे पर रह रहे लोगों ने गड्ढे के बीच खड़े होकर किया विरोध
लखनऊ-हरदोई हाईवे पर साइड में बनी दुकानों के दुकानदारों ने कैमरे पर आने से पहले कहा, हम गड्ढे के बीच खड़े हो कर अपनी बात रखेंगे। गड्ढे के बीच खड़े हो कर उन्होंने कहा कि इस सड़क पर गड्ढा मुक्त अभियान का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। हर दिन एक्सीडेंट होते हैं। खराब सड़क पर वाहन चलने से धूल उड़ती है। हमारी दुकानें धूल से पैक हो जाती हैं। हम बीमार हो रहे हैं।
PWD और पंचायत समेत 12 विभागों को सौंपा गया है काम
बारिश की वजह से यूपी की सड़कों में गड्ढे हुए। सड़कों की मरम्मत करने और गड्ढों को समतल करने के लिए सरकार ने 12 विभागों को जिम्मेदारी सौंपी। इस काम की कुल लागत 4500 करोड़ रुपए तय की गई, फिर काम शुरू हुआ। किस विभाग के ऊपर कितनी सड़क ठीक करने की जिम्मेदारी है, ये नीचे लगी टेबल में देखिए...
नंबर विभाग कुल सड़क (किमी) गड्ढा मुक्ति के लिए (किमी) नवीनीकरण के लिए (किमी)
1 लोनिवि 276042 65000 22730
2 राष्ट्रीय मार्ग 4355 890.29 129
3 एनएचएआइ (प.यूपी) 3379 72.40 27
4 एनएचएआई (पू.उप्र) 2902.90 291.29 133
5 मंडी 20492.34 450 598.93
6 पंचायती राज 14608.75 228.53 701.42
7 सिंचाई विभाग 5223 339.12 1612.51
8 यूपीआरआरडीए 13451.54 3589.64 1172.105
9 नगर विकास 37158.72 545.05 182.77
10 गन्ना 8048 249 2286
11 आवास एवं शहरी नियोजन 871.82 35.62 64.42
12 औद्योगिक विकास 326.12 27.35 2.60
टोटल 386859.914 71718.288 29639.75
अब तक खर्च हो चुके हैं 4014 करोड़ रुपए
15 नवंबर 2022 को लोक निर्माण विभाग की तरफ से 12 नवंबर तक हुए काम का आंकड़ा जारी किया गया। तीन पॉइंट में बात कही गई।
पहली: 59,572 किमी टारगेट है। 12 नवंबर तक 46,684 किमी की सड़क गड्ढा मुक्त की गई।
दूसरी: यूपी की 78% सड़कें हुई गड्ढा मुक्त, 4596 किमी की सड़कों का नवीनीकरण भी किया गया।
तीसरी: प्रदेश की 6,142 किमी सड़कों पर विशेष मरम्मत कार्य भी पूरे किए गए।
साथ ही विभाग ने जानकारी दी कि इस फाइनेंशियल ईयर में सड़कों की मरम्मत के काम में 1,698 करोड़ रुपए, नवीनीकरण में 1813 करोड़ रुपए और गड्ढा मुक्ति के काम के लिए 503 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
15 नवंबर को ही डेडलाइन बढ़ाने की प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी गई