मेघवाल बोले- पूनिया उगते सूरज, साथ चलो: डूबता सूरज देखना बंद करो; कटारिया ने कहा- हम किसी नेता के नौकर नहीं

मेघवाल बोले- पूनिया उगते सूरज, साथ चलो: डूबता सूरज देखना बंद करो; कटारिया ने कहा- हम किसी नेता के नौकर नहीं

राजस्थान में BJP की अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पिछले दिनों झुंझुनूं में BJP कार्य समिति में नेताओं से कहा- डूबता हुआ सूरज देखना बंद करो। सनसेट पॉइंट अंग्रेजों के बनाए हुए हैं। गते हुए सूरज सतीश पूनिया के नेतृत्व में देखना शुरू करो। उगते सूरज को पानी चढ़ाओ।

इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सरदारशहर चूरू में कहा- हम किसी नेता के नौकर नहीं है। ठीक तरह से नेता भी अपने आप को समझ लें। मेघवाल और कटारिया की इस बयानबाजी ने पार्टी में हलचल मचा दी है।

डूबते सूरज का मतलब भी समझ गए नेता

केंद्रीय मंत्री मेघवाल बीजेपी हाईकमान के नजदीकी माने जाते हैं। PM मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से उनके निकट और अच्छे पॉलिटिकल संबंध हैं। इसलिए माना जा रहा है उन्होंने उगते सूरज और डूबते सूरज शब्दों का इस्तेमाल कर BJP का पूरा सियासी नेरेटिव बदलने की मुहिम शुरू कर दी है। हालांकि मेघवाल ने जब यह बात कही उस वक्त प्रदेश बीजेपी के सभी प्रमुख नेता सभागार में मौजूद थे, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह मौजूद नहीं थे।

उन्होंने पूनिया को तो उगता सूरज बताया, लेकिन डूबते सूरज का बिना नाम लिए बेहद चतुराई से सियासी मैसेज भी दे दिया है। उनका ये बयान CM फेस को लेकर BJP में चल रही खींचतान की तरफ इशारा माना जा रहा है। बीजेपी में अर्जुनराम मेघवाल और सतीश पूनिया एक ही गुट के माने जाते हैं।

मेघवाल का समर्थन करते हुए जयपुर में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- पूनिया तो हमारी पार्टी में पूर्ण सूरज हैं। वो हमारे अध्यक्ष हैं और उनका नेतृत्व चल रहा है।

मेघवाल के बयान से एक दिन पहले 12 नवंबर को सरदारशहर में विधानसभा उपचुनाव का प्रत्याशी तय करने के लिए तेरापंथ भवन में बैठक रखी गई थी। इसमें कार्यकर्ताओं को मंच से संबोधित करते कटारिया ने कहा था- किसी प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने से पहले आप सबको जान, समझकर, मतदाता और गांव की भावना को समझकर ही निर्णय करेंगे।

प्रदेश प्रभारी बोले- अबकी बार रिकॉर्ड मार्जिन से डॉक्टर साहब जीतेंगे

इससे पहले 6 नवंबर को बीजेपी के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने आमेर विधानसभा क्षेत्र में दीपावली स्नेह मिलन कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लोगों से कहा- आप बड़े भाग्यशाली हो। आपने आशीर्वाद दिया और आपके आशीर्वाद से आपके विधायक पूरे प्रदेश के सबसे बड़े नेता पूनिया प्रदेशाध्यक्ष हैं।

अरुण सिंह बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर बोले- इतनी बड़ी संख्या में सतीश पूनिया को आशीर्वाद देने आप आए हो। मैं कह सकता हूं, अबकी बार बहुत रिकॉर्ड मार्जिन से डॉक्टर साहब जीतेंगे और प्रदेश में सबसे बड़ा रिकॉर्ड कायम होगा।

सिंह ने कहा दोनों हाथों से डॉक्टर साहब को आप आशीर्वाद दे रहे हैं न? क्योंकि सतीश पूनिया लगातार प्रदेश का दौरा करते रहते हैं। महीने में दो-चार दिन भी नहीं होते, जब वह घर पर रहते हों। राजस्थान में कोने-कोने में जाकर बीजेपी के संगठन को मजबूत करने, गहलोत सरकार के कारनामों को उजागर करने, जनता के साथ मिलकर संघर्ष करने और लगातार राजस्थान में बीजेपी को आगे बढ़ाने का काम सतीश पूनिया कर रहे हैं।

अरुण सिंह बोले - इसलिए आप सबकी यह ड्यूटी और बन जाती है कि चुनाव एक साल में है। तब तक एक-एक व्यक्ति सतीश पूनिया की तरह प्रदेशाध्यक्ष बनकर एक-एक घर में जाकर अभी से पार्टी को मजबूत करो। हर बूथ पर कम से कम पार्टी के 100 कार्यकर्ता बनने चाहिए।

चुनाव से पहले CM फेस घोषित कर सकती है बीजेपी

लम्बे समय से पार्टी में गुटबाजी को थामे रखने के लिए बीजेपी के केंद्रीय नेता लगातार कहते आए हैं कि PM मोदी के फेस और कमल का फूल चिह्न पर ही बीजेपी चुनाव लड़ेगी। पार्टी सूत्र बताते हैं कि मजबूती से चुनाव लड़ना है, तो राजस्थान के स्थानीय नेता का नाम CM फेस के लिए पहले ही सामने रखना होगा। पड़ोसी राज्य गुजरात के चुनाव परिणाम आने के बाद ही पार्टी इस बारे में तेजी से मंथन शुरू करेगी।

राजस्थान की जनता PM मोदी के चेहरे पर ही वोट करके पिछले दो लोकसभा चुनाव में BJP के 25 और 25 सांसद केंद्र में भेजती आ रही है। विधानसभा चुनाव में स्थानीय चेहरे और मुद्दों के आधार पर ही बीजेपी और कांग्रेस सरकारें चुनीं गईं।

ये भी पढ़ें

राजस्थान में BJP काट सकती है 100 दावेदारों के टिकट!:30 MLA के भी नाम; गुजरात फॉर्मूला अपनाएगी पार्टी, नए चेहरों को मौका

देशभर की नजरें इन दिनों गुजरात चुनाव पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृहक्षेत्र होने के कारण बीजेपी ने पूरा जोर गुजरात में लगा रखा है। गुजरात में बीजेपी के प्रत्याशियों की लिस्ट सबसे ज्यादा चर्चा में है। गुजरात में पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी ने 50 प्रतिशत चेहरों के टिकट काट दिए हैं। भारी एंटी इनकंबेंसी के बावजूद बीजेपी की इस स्ट्रेटेजी ने राजस्थान के लिए भी सियासी मैसेज दे दिया है


 v0qh62
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *