लखनऊ: भातखंडे विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह; 155 स्टूडेंट्स को मिलेगी उपाधि,पृथ्वी को सबसे ज्यादा मिले 8 गोल्ड मेडल

लखनऊ: भातखंडे विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह; 155 स्टूडेंट्स को मिलेगी उपाधि,पृथ्वी को सबसे ज्यादा मिले 8 गोल्ड मेडल

भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय का 12वां दीक्षांत समारोह आज यानी बुधवार को कला मंडपम सभागार में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की।

इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में नृत्याचार्य पदमश्री पुरू दक्षिचि मौजूद रहें। दीक्षांत में कुल 155 स्टूडेंट्स को पदक, उपाधियां और डिग्री दी गई। पूरे इवेंट की सेंटर ऑफ अट्रैक्शन 8 गोल्ड मेडल जीतने वाली पृथ्वी सिंह रही।

बेटियों की परवरिश और नृत्य साधना में बनाया बैलेंस

8 गोल्ड मेडल पाने वाली पृथ्वी सिंह कहती हैं कि मुझे गर्व है कि मैं दो बेटियों प्रशस्ति और प्राख्या की मां हूं। बीनी सिंह और रूचि खरे के निर्देशन में मैं आगे बढ़ने की कोशिश करती रही। मेरी सफलता का श्रेय मां मनोरमा देवी को जाता है। छोटी बेटी डेढ़ साल की थी तब मैं छह-सात घंटे भातखंडे में रहा करती थी। मैं निरंतर नृत्य साधना कर सकूं, इसलिए मां ने सहयोग किया। जब मैंने पति से से कहा कि कथक में पढ़ाई करनी है तो उन्होंने मेरा साथ दिया। हां, घर और नृत्य साधना में तालमेल मुश्किल था, लेकिन मेहनत, लगन और सहयोग से सुर और ताल मिलते गए और रिजल्ट सबके सामने है।

इनको किया गया सम्मानित

एमपीए गायन के छात्र अनुराग वर्मा को चार, बीपीए तबला से नीलांचल पांडेय को तीन और एमपीए बांसुरी के छात्र मुकेश कुमार को तीन मेडल दिये गए। समारोह में 11 से 15 नवंबर तक दीक्षोत्सव में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया।भातखण्डे संगीत संस्थान के विश्वविद्यालय बनने के बाद ये पहला दीक्षांत समारोह रहा।

इससे पहले विश्वविद्यालय कुलपति रोशन जैकब, कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्य अतिथि पुरू दधिचि 12वें दीक्षांत समारोह की स्मारिका और भारतीय कलाकार विवरण पुस्तिका का विमोचन किया। समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय के गायन के छात्रों की समूह प्रस्तुति से हुई। इसके बाद वाद्य विभाग के स्टूडेंट्स तालवाद्य संगम पेश किया। नृत्य विभाग के स्टूडेंट्स ने कथक नृत्य नृत्य प्रस्तुत किया। आखिर में सामूहिक रूप से भरतनाट्यम हुआ।

8 मेडल से नवाजी गई पृथ्वी

कथक नृत्य एमपीए के छात्र पृथ्वी सिंह को सबसे ज्यादा आठ मेडल मिले।

पृथ्वी सिंह को मिले ये पदक

- राय उमानाथ बली मेधा स्वर्ण पदक

- युवा आदित्य रंजन स्वर्ण पदक

- लीला वामन राय सडोलीकर स्वर्ण पदक

- डॉ. समर बहादुर सिंह स्वर्ण पदक

- पं. मोहन राव कल्याणपुरकर स्वर्ण पदक

- सरोजा वैद्यनाथन स्वर्ण पदक

- सुभाष चन्द्र द्विवेदी स्वर्ण पदक

- स्वर्गीय सरला श्रीवास्तव स्वर्ण पदक

गायन एमपीए में कर्नूरी हरीश सिंह को 4 पदक मिले

- पं. वामन राव सडोलीकर स्वर्ण पदक

- शीला सक्सेना स्वर्ण पदक

- डॉ. सुरेन्द्र कुमार सक्सेना स्वर्ण पदक

- पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर रजत पदक

गायन में एमएपी आम्रपाली गुप्ता को मिले ये पदक

- पं. भातखंडे रजत पदक

- पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर कांस्य पद

गायन में बीपीए करने वाले अनुराग मौर्या*

- स्वर्गीय पुतली बाई स्वर्ण पदक,

- पं. कृष्ण नारायण सतंजनकर एवं इंदिरा बाई सतंजनकर स्वर्ण पदक,

- पं. घनानन्द प्रकाश स्वर्ण पदक

 स्वर्गीय शिशिर कुमार स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया

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