बाली: अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई है. इंडोनेशिया में आयोजित G20 समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग आज मुलाकात करेंगे जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापक आर्थिक मुद्दों पर बात होगी. ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देश ताइवान मुद्दों पर भी बात कर सकते हैं. रॉयटर्स के अनुसार, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग का कहना है कि चीन अमेरिका के साथ शांतिपूर्ण समझौता चाहता है.
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद से दोनों नेता पहली बार इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात करेंगे. बाइडन के पद संभालने के बाद से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संबंध खराब हो गए हैं. जिसमें आर्थिक प्रतिस्पर्धा, मानवाधिकारों के मुद्दे और चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव शामिल हैं. बाइडन ने कहा, मैं शी जिनपिंग को जानता हूं, वह मुझे जानते हैं. हमारे बीच बहुत कम गलतफहमी है. हमें केवल यह पता लगाना है कि तनाव बढ़ने के कारण क्या हैं.
भारत के प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी से मुलाकात करेंगे या नहीं अभी यह स्पष्ट नहीं है. अगर दोनों के बीच मुलाकात होती है तो जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात होगी. दोनों नेताओं ने सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन एससीओ शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी, लेकिन तब दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी. G20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे के हिस्से के रूप में तीन कार्य सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन शामिल है.
इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध पर विश्व के नेताओं के रुख पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. बता दें कि भारत युद्ध को रोकने और दोनों पक्षों को बातचीत करने की वकालत करता रहा है. इसके साथ ही भारत ने इस मुद्दे पर लगातार एक संतुलित रेखा रखी है. एजेंसी से इनपुट के साथ