राजस्थान के चूरू जिले की सरदारशहर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी ने पूर्व विधायक अशोक पिंचा को टिकट दे दिया है। पार्टी ने औपचारिक घोषणा कर दी है। एक दिन पहले ही बीजेपी प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर ने अशोक पिंचा को सिग्नल देते हुए नामांकन भरने को कह दिया था।
आज बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने उस पर मोहर लगाते हुए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इसमें केंद्रीय चुनाव समिति ने राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ विधानसभा उपचुनाव 2022 के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते हुए राजस्थान के सरदारशहर से अशोक कुमार पिंचा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
पार्टी ने अशोक कुमार पिंचा को सिंबल जारी किया है। कल 16 नवंबर को अशोक कुमार पिंचा नामांकन दाखिल करेंगे। इस दौरान रैली निकाली जाएगी और प्रदेश बीजेपी के सीनियर नेता मौजूद रहेंगे। सरदारशहर सीट के लिए मतदान 5 दिसंबर को होगा, जबकि 8 दिसंबर को काउंटिंग होगी।
टिकट मिलने की कल ही हो गई पुष्टि
अशोक पिंचा ने भास्कर से कहा कि 16 नवंबर को मैं नामांकन दाखिल करूंगा। मेरे साथ केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, रामसिंह कस्वां, विधायक अभिनेष महर्षि समेत कई वरिष्ठ नेता नामांकन रैली में शामिल होंगे।
अशोक पिंचा सरदारशहर से 2008 से 2013 तक विधायक रह चुके हैं। जैन समाज से हैं। उनका सरदारशहर में बड़ा मेडिकल स्टोर है। 62 साल के पिंचा जनसंघ के जमाने से पार्टी और विचारधारा से जुड़े हैं।
पिंचा ने पहले कहा था चुनाव लड़ने का मन नहीं
पिंचा का टिकट बड़े नाटकीय घटनाक्रम के बाद तय हुआ है। पार्टी ने काफी विचार विमर्श किया है। इससे पहले 13 नवंबर को हुई बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति और कोर कमेटी में चर्चा के बाद ही पिंचा का नाम तय हुआ। हालांकि, टिकट मिलने से पहले अशोक पिंचा ने कहा था कि मेरा चुनाव लड़ने का मन नहीं है।
तब उद्योगपति प्रहलाद सराफ ने कहा था कि मेरा चुनाव लड़ने का मन है। उन्होंने सरदारशहर में पब्लिक मीटिंग भी बुला ली थी। इसके बाद अचानक घटनाक्रम बदला। अशोक पिंचा से अर्जुनराम मेघवाल, गुलाबचन्द कटारिया, सतीश पूनिया समेत सीनियर नेताओं की चर्चा हुई और पार्टी ने उनका टिकट तय किया।
कई प्रमुख टिकट दावेदारों को पछाड़ा
कांग्रेस विधायक रहे स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के भाई श्यामलाल शर्मा, विधि प्रकोष्ठ के पूर्व सह-संयोजक शिवचंद साहू, पूर्व केंद्रीय मंत्री दौलतराम सारण की पुत्रवधू सुशीला सारण, पूर्व प्रधान सत्यनारायण सारण, सत्यनारायण झांझड़िया, गिरधारीलाल पारीक, प्रधान प्रतिनिधि मधुसूदन राजपुरोहित भी बीजेपी से टिकट के प्रमुख दावेदार थे।
पार्टी के सामने यह मुश्किल रही कि सिम्पैथी वोट बैंक को देखते हुए भंवरलाल शर्मा के भाई पर दांव लगाया जाए या नहीं। पिछले लंबे समय से वहां ब्राह्मण उम्मीदवार ही जीतता रहा है। ऐसे में सिम्पैथी वोटों का नुकसान भी बीजेपी को हो सकता है, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं की यह राय निकलकर आई कि बीजेपी संगठन से ही टिकट दिया जाए। इसके बाद अशोक कुमार पिंचा के नाम पर सहमति बनी।
जाट कैंडिडेट को मैदान में नहीं उतारा
बीजेपी से जाट समाज के कई प्रतिनिधि टिकट की मांग कर रहे थे। लेकिन सभी को नकार दिया गया। 2 लाख 89 हजार 500 में से करीब 65 हजार की संख्या में जाट वोटर होने और सर्वाधिक संख्या में होने के बावजूद टिकट नहीं दिया गया। जाट समाज में कई टिकट दावेदार थे। इसलिए उनके आपसी झगड़े से भी बचने के लिए पार्टी ने पूर्व विधायक और पिछली बार के प्रत्याशी पर ही दाव चलना ज्यादा मुनासिब समझा।
हार का डर भी एक फैक्टर
बीजेपी जानती है कि सरदारशहर की सीट कद्दावर कांग्रेस नेता पंडित स्वर्गीय भंवरलाल शर्मा के निधन से खाली हुई है। उनके बेटे अनिल शर्मा का कांग्रेस से टिकट तय है। अनिल शर्मा खुद राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त हैं। राजस्थान आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन हैं।
सहानुभूति की लहर उनके साथ है। पिछले उपचुनावों में भी सहानुभूति फैक्टर चला है। इसलिए नया प्रयोग करने से बीजेपी भी बचती नजर आ रही है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह भी उपचुनाव में सहानुभूति रहने की बात सार्वजनिक तौर पर स्वीकार चुके हैं।
अब बीजेपी की ये है तैयारियां
चूरू की सरदारशहर सीट पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी और चुनाव मैनेजमेंट कॉर्डिनेटर्स नियुक्त कर चुकी है। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल चुनाव प्रभारी हैं। दो सह प्रभारी हैं। इनमें टोंक के मालपुरा से विधायक कन्हैयालाल चौधरी और प्रदेश कार्यसमिति सदस्य बनवारीलाल सिंघल शामिल हैं।
बीजेपी में अंदरूनी कलह की सुगबुगाहट
बीजेपी में अंदरूनी कलह की भी सुगबुगाहटें तेज हो गई हैं। सरदारशहर के इंटरनेशनल फर्नीचर व्यवसायी और उद्योगपति प्रहलाद सराफ का पहले टिकट तय माना जा रहा था। बाद में अशोक पिंचा का नाम फाइनल हो गया। सराफ समर्थक नाराज बताए जा रहे हैं। बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर भंवरलाल शर्मा के भाई श्यामलाल शर्मा भी बीजेपी कैंडिडेट से दूरी बना सकते हैं।
परिवार में मतभेद का फायदा बीजेपी को मिलता नहीं नजर आ रहा है। जाट समाज के दावेदारों को टिकट नहीं मिलने पर सभी एकजुट होकर बीजेपी कैंडिडेट के खिलाफ जा सकते हैं। टिकट के एक दावेदार ने दैनिक भास्कर संवाददाता से नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा- हम समाज की मीटिंग कर विरोध जताने की प्लानिंग कर रहे हैं।
हनुमान बेनीवाल RLP से जाट कैंडिडेट खड़ा कर बना सकते हैं त्रिकोण
सरदारशहर के विधानसभा उपचुनाव में RLP भी जाट कैंडिडेट को खड़ा कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी के ऐसे टिकट दावेदारों से बातचीत तेज कर दी है, जो जाट समाज से हैं। उनकी बीजेपी से नाराजगी का फायदा चुनाव में RLP उठाना चाहती है।
ऐसा हुआ तो बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। RLP चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला पैदा कर सकती है। अब तक कोई जाट चेहरा चुनाव में सामने नहीं आया है। जबकि सबसे ज्यादा वोट क्षेत्र में इसी समाज के हैं।
चूरू की सरदारशहर सीट पर उपचुनाव, 5 दिसंबर को वोटिंग:कांग्रेस MLA भंवरलाल के निधन से खाली हुई सीट; यहां 9 बार जीती पार्टी
प्रदेश में चूरू जिले की सरदारशहर सीट के लिए वोटिंग 5 दिसंबर को होगी जबकि हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही 8 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। उसी दिन रिजल्ट भी आ जाएगा। राजस्थान में चूरू जिले की सरदार शहर सीट पूर्व विधायक भंवर लाल शर्मा के निधन के बाद खाली हो गई थी