CM अशोक गहलोत ने खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक दिव्या मदेरणा के ब्यूरोक्रेसी को बेकाबू बताने और मनमर्जी करने के आरोपों पर 12 दिन बाद जवाब दिया है। गहलोत ने ब्यूरोक्रेसी के बचाव में उतरते हुए कहा- ब्यूरोक्रेसी कोई मनमानी नहीं करती है, ना कर सकती है। कौन करने देगा उनको मनमानी,उनके खिलाफ एक्शन हो सकता है।
ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही से विद्या संबल योजना के तहत 93000 नौकरियों का प्रोसेस माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश से स्थगित होने पर गहलोत बोले- कई बार ऐसा हो सकता है कि कोई कमी रह जाए। मैं उनको भी कह सकता हूं।
कैल्कुलेशन में कहीं गड़बड़ हो गई है,तो ठीक हो जाएगी
विद्या संबल योजना में आरक्षण का प्रोविजन नहीं जोड़ने पर एससी-एसटी और बसपा के विरोध के चलते भर्ती प्रोसेस स्थगित करना पड़ा। इस पर गहलोत बोले- आरक्षण तो आजकल कानूनी प्रावधानहो गया है। अभी सुप्रीम कोर्ट ने और मोहर लगा दी है। आरक्षण की अगर कैल्कुलेशन में कहीं गड़बड़ हुई है, तो ठीक हो जाएगी। कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन नौकरियां राजस्थान सरकार बड़े रूप में दे रही है। ये हमारा नीतिगत फैसला है कि नौकरियां मिलें।
खाचरियावास ने कहा था CM क्यों लिख रहे IAS की रिपोर्ट, IAS बेकाबू,मैं बहुत नाराज हूँ
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियाचास ने राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने को लेकर खुलकर नाराजगी जताई थी। खाचरियावास ने सीएम के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका और खाद्य विभाग से ट्रांसफर किए गए सचिव को निशाने पर लेते हुए कार्रवाई की मांग उठाई थी। खाचरियावास ने सीएम गहलोत को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई। उधर कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने भी खाचरियावास की बात का समर्थन करते हुए ब्यूरोक्रेसी को निशाने पर लिया था।
प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा था कि- हमारा 46 हजार टन गेहूं लैप्स हो गया। यह महीने भर पहले की बात है। मैंने बैठक बुलाकर अफसरों को डांटा। मैंने सख्त आदेश दिए। जिस तरह आईएएस अफसर काम कर रहे हैं। वह सही नहीं है। जिन अफसरों ने जनता का गेहूं लैप्स करवा दिया, ऐसे अफसर के खिलाफ कार्रवाई के लिए मैंने सीएम को लिखा है। मैंने सीएम के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका को फोन किया। सीएम के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी नहीं है क्या? यह सवाल बीजेपी-कांग्रेस का नहीं है। मैंने सीएम को पत्र लिखा है कि आईएएस अफसरों की एसीआर (एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट) आप मत लीखिए। एसीआर हमें लिखने दीजिए। अलग-अलग विभागों में अलग-अलग मंत्री हैं। दूसरे राज्यों में आईएएस अफसरों की एसीआर मंत्री भरते हैं। आप जब मंत्रियों को एसीआर भरने का अधिकार देंगे, तब आईएएस अफसर सुधरेगा। नहीं तो वो बात नहीं मानेगा।
अफसर नियम नहीं माने तो मंत्री क्या करेगा?
खाचरियावास ने कहा था- कोई अफसर रूल्स ऑफ बिजनेस को नहीं माने तो मंत्री क्या करेगा? यह तो मैं हूं और लड़ाका हूं और मेरी आदत गलत के खिलाफ संघर्ष करने की है। और कोई मंत्री होता तो यह बात बाहर ही नहीं आती। जनता का गेहूं लैप्स करवाने वाले अफसर की वजह से कितना नुकसान हो गया। मैंने इसीलिए सीएम से कार्रवाई को कहा है।
खाचरियावास और महेश जोशी में भी हो चुकी जुबानी जंग
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के अफरशाही के बेकाबू होने और एसीआर भरने का अधिकार मुख्यमंत्री की जगह मंत्रियों को देने के बयान पर महेश जोशी ने भी सरकार के बचाव में उतरते हुए कहा था कि मेरे विभाग में मुझे सारे अधिकार है। इस पर खाचरियावास ने यहां तक कह दिया कि महेश जोशी झूठ बोल रहे हैं, गुलामी करने का ही ठेका ले लिया है तो लीजिए।
दिव्या ने खाचरियावास का समथर्न करते हुए ब्यूरोक्रेसी को निशाने पर लिया था कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने भी खाचरियावास का समर्थन करते हुए प्रदेश में नौकरशाही हावी होने पर सवाल उठाते हुए सीएम को चिट्ठी लिखने की बात कही थ्ही। दिव्या ने जोधपुर कलेक्टर पर भी सवाल उठाए थे। दिव्या मदेरणा लंबे समय से ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ हमलावर है। पिछले दिनों राजेंद्र गुढ़ा के बयान के समर्थन में दिव्या ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी ने सरकार को चुनावों में फाॅर्च्यूनर में बैठाने का संकल्प ले रखा है।
दिव्या ने कहा था जोधपुर कलेक्टर की विफलता के संबंध में और गरीब लोगों के कदाचार और लूट में शामिल भ्रष्ट अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के संबंध में भी प्रतापसिंह खाचरियावास की तर्ज पर अब सीएम को पत्र लिखूंगी कि सख़्त कार्रवाई हो और तुरंत हो । हम करप्शन के प्रति जीरो टॉलरेंस के वादे पर सरकार में आए थे।