झांसी में बीएसपी के बुंदेलखंड प्रभारी लालाराम अहिरवार के बेटे वीरेंद्र अहिरवार (17) की सोमवार सुबह डेंगू से मौत हो गई। करीब एक सप्ताह से उसकी तबीयत खराब चल रही थी। 12 नवंबर को हुई जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। तभी से वह निजी अस्पताल में भर्ती था। प्लेटलेट्स 14 हजार पहुंच गई थी। मौत के बाद घर में कोहराम मच गया।
बुखार आने पर मोहल्ले के क्लिनिक से ली थी दवा
लालाराम अहिरवार बीएसपी के दिग्गज नेता हैं और वर्तमान में बुंदेलखंड प्रभारी है। फिलहाल वे राजगढ़ में रहते हैं। उन्होंने बताया कि 8 नवंबर को छोटे बेटे 17 साल के वीरेंद्र अहिरवार को बुखार आया। तब मोहल्ले के क्लिनिक से वह दवा लेता रहा। 12 नवंबर को उल्टी आने पर निजी अस्पताल ले गए और उसको भर्ती करा दिया।
जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। तब उसकी प्लेटलेट्स 14 हजार पहुंच गई थी। इसके बाद हालत बिगड़ती चली गई। रविवार को प्लेटलेट्स 29 हजार पहुंच गई थी। लेकिन उसके लीवर, किडनी डैमेज हो गए। इससे तबीयत और बिगड़ गई। उसको दूसरे निजी अस्पताल में शिफ्ट किया था। इलाज के दौरान सोमवार सुबह करीब 4 बजे उसकी मौत हो गई।
बिना पोस्टमार्टम के किया अंतिम संस्कार
वीरेंद्र की मौत के बाद परिजन शव को घर पर ले गए। बिना पोस्टमार्टम कराए ही परिजनों शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बता दें कि लालाराम अहिरवार के तीन बेटे हैं। वीरेंद्र उनमें सबसे छोटा था। मौत के बाद बीएसपी समेत अन्य दलों के नेता उनके घर पर पहुंच गए और परिवार को सांत्वना दी। वहीं, बेटे की मौत के बाद मां और बहन का रो रोकर बुरा हाल है। घर और मोहल्ले में मातम का माहौल छाया हुआ है।
सीएमओ बोले- डेंगू से कोई मौत नहीं हुई
मामले में सीएमओ सुधाकर पांडेय का कहना है कि झांसी में डेंगू से मौत होने का कोई मामला सामने नहीं आया है। मौत कैसे हुई, इसकी जांच कराई जाएगी।